DELHI ZOO DEVELOPED LIKE VANTARA : दिल्ली का ऐतिहासिक चिड़ियाघर अब नए और आधुनिक रूप में विकसित किया जाएगा। इसे गुजरात के जामनगर स्थित मशहूर वन्यजीव संरक्षण परियोजना ‘वनतारा’ की तर्ज पर तैयार किया जा रहा है। यह योजना देश की राजधानी में वन्यजीवों के संरक्षण और पुनर्वास को एक नई दिशा देने की कोशिश है।
वनतारा मॉडल की तरह होगा दिल्ली ZOO का पुनर्विकास
दिल्ली के नेशनल जूलॉजिकल पार्क, जिसकी स्थापना 1959 में हुई थी, अब ‘वनतारा मॉडल’ पर दोबारा विकसित किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत चिड़ियाघर को निजी हाथों में सौंपने की योजना है, जिसमें जामनगर स्थित ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी — यही संस्था ‘वनतारा’ का संचालन भी करती है।
इस दिशा में वन मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय ने विचार-विमर्श शुरू कर दिया है, और दिल्ली ZOO में लगातार उच्चस्तरीय बैठकें हो रही हैं।

नए ज़ू में होंगी ये विशेष सुविधाएं
1. रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर:
घायल, संकटग्रस्त और लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर का पुनर्वास केंद्र बनाया जाएगा।
2. एयर-कंडीशन्ड मेडिकल यूनिट:
जानवरों के इलाज के लिए अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधा विकसित की जाएगी।
3. प्राकृतिक आवास और भूमिगत टनल:
विशेष प्रजातियों के लिए जलवायु नियंत्रित भूमिगत सुरंगें बनाई जाएंगी, ताकि वे प्राकृतिक माहौल में रह सकें।
4. वन्यजीव संरक्षण में आधुनिक तकनीक:
निजी क्षेत्र के जुड़ाव से आधुनिक तकनीकों का उपयोग होगा और रख-रखाव में भी सुधार आएगा।
पहला चरण: नए गेट और सुविधाओं का निर्माण
पुनर्विकास योजना के पहले चरण में भैरो मार्ग पर एक नया, भव्य प्रवेश द्वार बनाया जाएगा, जिससे भारत मंडपम् और भैरो मंदिर से आने वाले पर्यटकों की पहुंच आसान हो जाएगी।
चिड़ियाघर के वर्तमान गेट (मथुरा रोड) को भी तोड़कर दोबारा अत्याधुनिक ढंग से बनाया जाएगा।
इसके साथ ही पर्यटकों के लिए नई सुविधाएं जैसे कि:
- कैफेटेरिया
- शौचालय
- बैठने की जगह
- टिकट काउंटर
- क्लाक रूम
उपलब्ध कराई जाएंगी।

वाक-थ्रू एवियरी: पक्षियों को देखना होगा आसान
अब पर्यटक चिड़ियाघर में पक्षियों को कांच या जाल के पीछे नहीं, बल्कि वाक-थ्रू एवियरी में उनके साथ चलकर देख सकेंगे।
यह एक विशाल संरचना होगी, जिसमें पर्यटक पक्षियों के बीच घूम सकेंगे।
मांसाहारी पक्षियों को अन्य पक्षियों से अलग रखा जाएगा, ताकि सभी पक्षियों की सुरक्षा बनी रहे।
नाइट टूर: रात में जानवरों को देखने का अनुभव
DELHI ZOO DEVELOPED LIKE VANTARA की सबसे अनोखी विशेषता होगी — नाइट सफारी।
रात के समय कुछ घंटों के लिए चिड़ियाघर खोलने की योजना है, ताकि पर्यटक:
- शेर
- बाघ
- तेंदुआ
जैसे रात्रिचर जानवरों को चांदनी जैसी मूनलाइट में देख सकें।
इस दौरान जानवरों के बाड़ों में हल्की रोशनी रहेगी और पर्यटकों की ओर अंधेरा रखा जाएगा।

लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए विशेष बाड़े
दिल्ली ZOO में अब ऐसे बाड़े बनाए जाएंगे जो पानी के नीचे भी होंगे, ताकि लोग मगरमच्छ और घड़ियाल जैसे जलीय जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकें।
कुछ प्रजातियां जो अब लुप्त होने की कगार पर हैं या जिनके लिए दिल्ली की जलवायु अनुकूल नहीं है — उनके संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
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क्या है वनतारा मॉडल?
वनतारा, गुजरात के जामनगर में स्थित एक विशाल वन्यजीव संरक्षण केंद्र है जिसकी स्थापना अनंत अंबानी ने की थी।
यह परियोजना रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से संचालित होती है।
लगभग 3000 एकड़ क्षेत्र में फैली इस परियोजना में घायल, संकटग्रस्त और लुप्तप्राय जानवरों को प्राकृतिक व सुरक्षित माहौल प्रदान किया जाता है।
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1959 में बना था दिल्ली ZOO: अब नया अवतार
पुराने किले के पास 176 एकड़ में फैला दिल्ली ZOO, अब पूरी तरह से नए अवतार में तैयार होगा।
यह चिड़ियाघर केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अधीन है और यहां 1200 से अधिक प्रजातियों के जीव संरक्षित हैं।
हर साल लाखों पर्यटक इस चिड़ियाघर को देखने आते हैं और अब वनतारा मॉडल पर इसे विकसित करने से यह दिल्ली को एक वैश्विक जैव विविधता केंद्र बना सकता है।
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निष्कर्ष:
दिल्ली ZOO का यह परिवर्तन सिर्फ एक रीडेवलपमेंट योजना नहीं, बल्कि वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है।
DELHI ZOO DEVELOPED LIKE VANTARA एक ऐसा सपना है जो भारत की राजधानी में प्रकृति, विज्ञान और संरक्षण को जोड़ता है।