क्या आपने कभी सोचा है कि एक छोटा-सा पक्षी भी अपने प्यार का इज़हार किस तरह करता है?
हजारीबाग के जंगलों में पाया जाने वाला वया पक्षी (Weaver Bird) इसे अनोखे अंदाज़ में करता है।
यह पक्षी अपनी कला और मेहनत से ऐसा घोंसला तैयार करता है, जो सिर्फ एक आश्रय नहीं, बल्कि उसका प्रेम प्रस्ताव होता है। इसीलिए इसे ‘पक्षियों का सिविल इंजीनियर’ कहा जाता है।
गर्मी के मौसम की शुरुआत होते ही वया पक्षियों की गतिविधियां तेज़ हो जाती हैं, खासकर हजारीबाग के वन्यजीव अभयारण्य में।
नर वया पक्षी महीनों की मेहनत से घोंसले का निर्माण करता है। यह घोंसला पेड़ की डालियों से लटकता है और इसकी बनावट इतनी अद्वितीय होती है
पर्यावरण विशेषज्ञ मुरारी सिंह के अनुसार, वया पक्षी मार्च से अगस्त के बीच घोंसले बनाते हैं।
ये घोंसले अधिकतर खजूर या नारियल जैसे ऊंचे पेड़ों पर पूर्व दिशा की ओर खोले जाते हैं, जिससे बारिश और तेज हवाओं से सुरक्षा मिल सके।
इसके खास डिज़ाइन के कारण न तो अंडे बाहर से दिखाई देते हैं और न ही पानी भीतर जा पाता है।
एक घोंसला बनाने में नर वया को लगभग एक महीना लग जाता है। जब यह तैयार हो जाता है, तब मादा वया उसका निरीक्षण करती है।
घोंसला पसंद आता है, तो वह उसमें बैठ जाती है — यही नर को स्वीकृति का संकेत होता है। लेकिन अगर घोंसले में कोई कमी हो, तो वह बिना झिझक उसे अस्वीकार कर देती है और नर को दोबारा निर्माण की प्रक्रिया शुरू करनी पड़ती है।