World Museum Day: जामनगर का पुरातत्व संग्रहालय बना आकर्षण का केंद्र

🗓️ Published on: May 18, 2025 2:24 pm
World Museum Day

World Museum Day के मौके पर जब दुनियाभर में संग्रहालयों की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक भूमिका को सराहा जाता है, तब गुजरात के जामनगर में स्थित लाखोटा झील के मध्य बना पुरातत्व संग्रहालय खास चर्चा का विषय बन जाता है। यह संग्रहालय अपनी अनूठी स्थापत्य शैली और संग्रहों की विविधता के लिए देश-विदेश से पर्यटकों को आकर्षित करता है।

भारत का पहला पानी के बीच स्थित सरकारी संग्रहालय

जामनगर का यह संग्रहालय भारत का पहला सरकार द्वारा अनुमोदित अंडरवॉटर म्यूज़ियम है। यह दिन और रात दोनों समय खुला रहने वाला गुजरात का पहला संग्रहालय भी है। यहां प्राचीन पत्थर और धातु की मूर्तियां, ऐतिहासिक तोपें, ताम्रपत्र, लकड़ी के पैनल चित्र, और प्राकृतिक इतिहास से जुड़े अवशेष देखने को मिलते हैं। सबसे बड़ी खासियत यहां रखा गया व्हेल का विशाल कंकाल और शाही शस्त्रागार, जो पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हैं।

World Museum Day के अवसर पर संग्रहालय की बढ़ती लोकप्रियता

सप्ताहांत और छुट्टियों में यहां पर्यटकों की भीड़ सबसे अधिक होती है। वर्ष 2024-25 के दौरान कुल 86,508 पर्यटक इस संग्रहालय को देखने आए। World Museum Day जैसे अवसरों पर यह आंकड़ा और भी बढ़ जाता है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि लोग इतिहास और विरासत के प्रति जागरूक हो रहे हैं।

इतिहास में झांके: लाखोटा कोठा का नवजीवन

1946 में स्थापित यह संग्रहालय वर्ष 1960 से गुजरात राज्य के पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग के अधीन संचालित हो रहा है। 2001 के विनाशकारी भूकंप के दौरान इसकी संरचना को काफी नुकसान पहुंचा था। इसके बाद राज्य पुरातत्व विभाग और जामनगर नगर निगम के सहयोग से इसका पुनर्निर्माण और संरक्षण किया गया। आखिरकार, 5 मई 2018 को इसका भव्य रूप में पुनः उद्घाटन किया गया।

यह भी पढ़े India’s first Marine National Park in Jamnagar: भारत का पहेला मरीन नेशनल पार्क

दर्शकों को आकर्षित करती हैं नई सुविधाएं

लाखोटा संग्रहालय को आधुनिक तकनीकों से सजाया गया है। यहां प्रकाश और ध्वनि शो, एतिहासिक प्रदर्शनी, और संरक्षित धरोहरों की आकर्षक प्रस्तुति इस स्थल को एक संपूर्ण पर्यटन गंतव्य बनाते हैं। करोड़ों रुपये की लागत से हुए जीर्णोद्धार कार्य ने इसे नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

यह भी पढ़े: Bala Hanuman Temple Jamnagar: बाला हनुमान मंदिर मे 1 अगस्त,1964 से लगातार राम नाम के जाप आज तक चालू है

लोकप्रियता बढ़ाने वाली अनूठी कार्यशालाएं

यह संग्रहालय सिर्फ दर्शनीय स्थल नहीं, बल्कि कलात्मक गतिविधियों का केंद्र भी है। यहां साल भर में 8 से 10 निःशुल्क कार्यशालाएं आयोजित की जाती हैं, जिनमें कला, इतिहास और संस्कृति से संबंधित विविध विषयों पर आम जनता को जागरूक किया जाता है।

निष्कर्ष

World Museum Day के अवसर पर जब हम इतिहास, कला और संस्कृति के संरक्षण की बात करते हैं, तो जामनगर का पुरातत्व संग्रहालय एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभरता है। झील के बीच बसे इस संग्रहालय की विरासत, आधुनिक सुविधाएं और जन-जागरूकता से जुड़ी कार्यशालाएं इसे भारत के सबसे अनोखे और अद्भुत संग्रहालयों में स्थान दिलाती हैं।