वंतारा जामनगर हाल ही में देश-विदेश की सुर्खियों में रहा जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विशाल वाइल्डलाइफ रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर का दौरा कियाथा ओर उद्घाटन किया था। गुजरात के जामनगर में स्थित यह केंद्र, रिलायंस फाउंडेशन और अनंत अंबानी के नेतृत्व में वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह केवल भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया से संकटग्रस्त जानवरों को बचाकर उन्हें नया जीवन देने का प्रयास कर रहा है।
क्या है वंतारा जामनगर प्रोजेक्ट?
वंतारा जामनगर लगभग 3,000 एकड़ बंजर भूमि पर विकसित किया गया एक अत्याधुनिक वाइल्डलाइफ सेंटर है, जिसे हरियाली में बदला गया है। यहां पर उन जानवरों को लाया जाता है जो घायल हैं, संकट में हैं या अवैध शिकार और तस्करी का शिकार बने हैं। इन्हें एक सुरक्षित और प्राकृतिक माहौल में रखा जाता है ताकि वे शांति और स्वतंत्रता से अपना जीवन जी सकें।
किन-किन देशों से आए हैं वंतारा के जानवर?
वंतारा जामनगर में भारत के साथ-साथ कई विदेशी देशों से लाए गए दुर्लभ और संकटग्रस्त जानवर भी हैं। यहां कुछ प्रमुख उदाहरण दिए जा रहे हैं:
- दक्षिण अफ्रीका से बाघ: दक्षिण अफ्रीका के शिकार लॉज में अवैध शिकार के शिकार बने बाघों को बचाकर वंतारा लाया गया है।
- श्रीलंका से पिग्मी हिप्पो: आर्थिक संकट के समय श्रीलंका से इन दुर्लभ और लुप्तप्राय हिप्पोस को बचाकर यहां सुरक्षित स्थान पर रखा गया।
- मेक्सिको और वेनेजुएला से अन्य वन्य जीव: इन देशों से विभिन्न प्रजातियों के जानवरों को रेस्क्यू कर वंतारा में पुनर्वासित किया गया है।
भारत से लाए गए मगरमच्छ और तेंदुए
भारत के तमिलनाडु राज्य से 1,000 से अधिक मगरमच्छों को एक भीड़भाड़ वाले केंद्र से वंतारा लाया गया। अब वे बेहतर पर्यावरण और देखभाल में जीवन बिता रहे हैं। इसके अलावा देश के विभिन्न हिस्सों से 200 से अधिक तेंदुए भी यहां लाए गए हैं। इनमें से कई सड़क दुर्घटनाओं या मानव-वन्यजीव संघर्ष में घायल हो चुके थे।
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वंतारा में हाथियों को मिला नया जीवन
वंतारा जामनगर में 200 से अधिक हाथी वर्तमान में स्वच्छंद जीवन जी रहे हैं। पहले ये हाथी सर्कस में जबरन काम कर रहे थे या फिर घायल अवस्था में पाए गए थे। आज वे 3,000 एकड़ क्षेत्र में महावतों के साथ आज़ादी से घूमते हैं और एक शांत, सुरक्षित जीवन जी रहे हैं।
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बचाव और पुनर्वास के लिए 650 एकड़ का समर्पित क्षेत्र
वंतारा का 650 एकड़ क्षेत्र विशेष रूप से बचाव और पुनर्वास केंद्र के रूप में तैयार किया गया है। यहां 43 से अधिक प्रजातियों के 2,000 से अधिक जानवरों की देखभाल की जाती है, जिनमें शामिल हैं:
- 200+ हाथी
- 300+ तेंदुए
- बाघ, शेर और अन्य शिकारी जानवर
- 300+ शाकाहारी प्रजातियां
यह केंद्र वन्यजीवों की भलाई और संरक्षण के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मानक स्थापित कर रहा है।
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निष्कर्ष
वंतारा जामनगर केवल एक चिड़ियाघर या रेस्क्यू सेंटर नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा स्थान है जहां जानवरों को दूसरा जीवन दिया जाता है। यह भारत की धरती पर वन्यजीव संरक्षण का गौरवपूर्ण प्रतीक बन चुका है, जो वैश्विक स्तर पर सराहना प्राप्त कर रहा है।