मध्य प्रदेश में वंतारा जैसी वन्यजीव बचाव सुविधा की योजना

🗓️ Published on: June 20, 2025 11:12 pm
वंतारा

भोपाल, 20 जून – मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को राज्य के वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से गुजरात के वंतारा वन्यजीव बचाव केंद्र का दौरा करने को कहा है। इसका उद्देश्य राज्य में इसी तरह की सुविधा की स्थापना की संभावनाओं का मूल्यांकन करना है।

वंतारा: भारत का सबसे बड़ा वन्यजीव पुनर्वास केंद्र

वंतारा, गुजरात के जामनगर में स्थित है और इसे रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से विकसित किया गया है। यह एक विशाल स्तर पर पशु बचाव, देखभाल, संरक्षण और पुनर्वास केंद्र है, जिसे भारत में वन्यजीव सेवा के लिए एक उदाहरण माना जा रहा है।

वन विभाग की समीक्षा बैठक में हुए निर्देश

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह निर्देश समता भवन में आयोजित वन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। बैठक के दौरान प्रधान मुख्य वन संरक्षक (PCCF) असीम श्रीवास्तव ने पीटीआई को जानकारी दी कि अधिकारी जुलाई के पहले पखवाड़े में वंतारा का दौरा करेंगे।

घने जंगलों को राज्य की पहचान बताया

मुख्यमंत्री ने कहा कि घने जंगल मध्य प्रदेश की प्राकृतिक धरोहर और पहचान हैं। उन्होंने वन विभाग को निर्देश दिया कि वह वन्यजीव पर्यटन के बुनियादी ढांचे को बढ़ाए, ताकि राज्य में पर्यावरणीय पर्यटन को बढ़ावा मिल सके और टिकाऊ राजस्व के स्रोत तैयार किए जा सकें।

बाघों की उपस्थिति पर्यटन का मुख्य केंद्र

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में बाघों की मौजूदगी पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण है और यह आय का भी बड़ा स्रोत बन चुका है।

नक्सल क्षेत्रों के वनकर्मियों के लिए विशेष योजनाएँ

मुख्यमंत्री ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात वन अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए विशेष भत्तों और पोषण सहायता की घोषणा की। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि वन संरक्षण में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को बारी-बारी से पदोन्नति देने के प्रस्ताव तैयार किए जाएं।

वन क्षेत्र में हुआ है उल्लेखनीय विस्तार

अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2003 से 2023 के बीच मध्य प्रदेश में वन क्षेत्र 1,390 वर्ग किलोमीटर तक बढ़ा है, जो कि वन समर्थक नीतियों और स्थायी संरक्षण प्रयासों का प्रतिफल है।

वन विभाग की वित्तीय उपलब्धियाँ

वन विभाग ने पिछले वित्तीय वर्ष में 1,650 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 1,646.07 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया। इस राशि में से 189.82 करोड़ रुपये को लाभांश के रूप में वन समितियों को वितरित किया गया। चालू वित्तीय वर्ष के लिए राजस्व लक्ष्य 1,700 करोड़ रुपये रखा गया है।

बृहद पौधारोपण और बांस मिशन की प्रगति

इस वर्ष अब तक 5.67 करोड़ पौधे लगाए गए हैं, जिनमें राष्ट्रीय बांस मिशन के अंतर्गत 7,360 हेक्टेयर में बांस के पौधे शामिल हैं। यह राज्य के पर्यावरणीय संतुलन की दिशा में एक बड़ा कदम है।

वन गांवों का राजस्व गांवों में रूपांतरण

राज्य के 925 वन गांवों में से 792 गांवों को राजस्व गांवों में परिवर्तित किया जा चुका है। संरक्षित क्षेत्रों में स्थित अन्य 66 गांवों को बदलने की प्रक्रिया अभी चल रही है।

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जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किए गए स्थान

अधिकारियों ने बताया कि पचमढ़ी, नारो हिल्स, अमरकंटक, सिरपुर झील और भोपाल स्थित वाल्मी परिसर को मध्य प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड के तहत जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किया गया है।

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जंगल की आग पर तेजी से नियंत्रण

पीसीसीएफ ने जानकारी दी कि जंगल में लगने वाली आग पर काबू पाने का समय अब घटकर तीन घंटे रह गया है, जबकि पहले यह आठ घंटे था। यह तकनीकी सुधार और बेहतर निगरानी प्रणाली की वजह से संभव हुआ है।

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निष्कर्ष

मध्य प्रदेश सरकार का गुजरात के वंतारा जैसे वन्यजीव बचाव और पुनर्वास केंद्र की तर्ज पर एक आधुनिक सुविधा स्थापित करने का विचार न केवल वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक दूरदर्शी कदम है, बल्कि इससे पर्यटन, पर्यावरणीय संतुलन, और स्थायी राजस्व के नए अवसर भी सृजित होंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा लिए गए निर्णयों से स्पष्ट है कि राज्य सरकार वन क्षेत्रों के विकास, वनकर्मियों के सशक्तिकरण, और स्थानीय समुदायों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। जैव विविधता को संरक्षित करने और वन्य जीवन को बेहतर भविष्य देने की दिशा में यह एक मजबूत और प्रेरणादायक पहल है।