वनतारा जामनगर से चक्रधरपुर पहुंचा हाथी: रेलवे की AI तकनीक से हाथियों की सुरक्षा की नई पहल

🗓️ Published on: June 16, 2025 12:23 am
वनतारा जामनगर

वनतारा जामनगर से आया हाथी अब रेलवे की नई तकनीक का परीक्षण करेगा — यह कदम भारतीय रेलवे की ओर से हाथियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल ने ट्रेन हादसों को रोकने और वन्यजीव संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए अत्याधुनिक AI आधारित इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम स्थापित करना शुरू किया है। यह प्रयास रेलवे के वन्यजीव संरक्षण के दृष्टिकोण को एक नई दिशा देता है।

क्या है इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम?

यह हाईटेक सिस्टम ट्रेन ट्रैक के आस-पास हाथियों की मौजूदगी को पहले ही पहचान लेता है। इसमें प्रेशर-वेव सेंसर, ऑप्टिकल फाइबर केबल, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एल्गोरिद्म का इस्तेमाल होता है। जैसे ही कोई हाथी 200 मीटर की दूरी तक ट्रैक के करीब आता है, सिस्टम तुरंत स्टेशन मास्टर और कंट्रोल रूम को अलर्ट कर देता है।

इस अलर्ट से लोको पायलट को समय रहते सूचना मिलती है, जिससे वह ट्रेन की गति कम कर सकता है और संभावित टकराव को टाल सकता है।

वनतारा जामनगर से क्यों बुलाया गया हाथी?

इस सिस्टम की कार्यक्षमता जांचने के लिए रेलवे ने वनतारा जामनगर, जो कि अनंत अंबानी द्वारा संचालित एक प्रसिद्ध वन्यजीव संरक्षण केंद्र है, से एक प्रशिक्षित हाथी मंगवाया है। यह हाथी दो दिन तक चक्रधरपुर में रहकर सिस्टम के परीक्षण में भाग लेगा। उसे रेलवे ट्रैक के पास चलाया जाएगा ताकि सिस्टम की रियल-टाइम प्रतिक्रिया को परखा जा सके।

यह डेटा AI मॉडल में फीड किया जाएगा, जिससे भविष्य में निगरानी और अधिक सटीक हो सकेगी।

कहां-कहां लग रहा है यह सिस्टम?

AI तकनीक से लैस यह इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम हाथियों की आवाजाही वाले महत्वपूर्ण रेलमार्गों पर स्थापित किया जा रहा है:

  • मानीकुई – चांडिल सेक्शन
  • धुतरा – बागडीह सेक्शन
  • कुनकी – चांडिल सेक्शन
  • जराईकेला – महादेवशाल सेक्शन

इन सभी स्थानों पर यह सिस्टम लगभग स्थापना के अंतिम चरण में है।

हाथी की यात्रा: छह दिन का विशेष सफर

वनतारा जामनगर से चक्रधरपुर तक हाथी को लाने में छह दिन का समय लगा। पूरे मार्ग में हाथी को विशेष वाहनों में सावधानीपूर्वक ले जाया गया, साथ ही उसकी स्वास्थ्य और देखरेख का भी पूरा ध्यान रखा गया।

अब यह हाथी भारतीय रेलवे की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का हिस्सा बनकर वन्यजीव संरक्षण में नई उम्मीद जगा रहा है।

यह भी पढ़े: अहमदाबाद विमान हादसे में इंसानियत की उड़ान: खून देने उमड़ी भीड़, Vantara और RSS ने संभाली कमान

भारतीय रेलवे की सराहनीय पहल

यह तकनीकी कदम भारतीय रेलवे को वन्यजीवों के अनुकूल परिवहन तंत्र की ओर ले जा रहा है। वनतारा जैसे संस्थानों के सहयोग से रेलवे न केवल ट्रेन हादसे कम कर रहा है बल्कि इंसान और पशु के बीच सामंजस्य स्थापित करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

यह भी पढ़े: Reliance Vantara: भारत का सबसे बड़ा और अत्याधुनिक पशु संरक्षण केंद्र

मुख्य जानकारी एक नजर में:

विवरणजानकारी
परीक्षण स्थलचक्रधरपुर रेलवे मंडल, दक्षिण पूर्व रेलवे
तकनीकAI आधारित इंट्रूजन डिटेक्शन सिस्टम
लागतलगभग ₹15 करोड़
तकनीकी उपकरणप्रेशर वेव सेंसर, ऑप्टिकल फाइबर, AI एल्गोरिद्म
हाथी की उत्पत्तिवनतारा जामनगर, गुजरात
संचालन संस्थाअनंत अंबानी द्वारा संचालित वन्यजीव केंद्र
परीक्षण अवधि2 दिन
मुख्य उद्देश्यट्रेन दुर्घटनाओं से हाथियों की सुरक्षा

यह भी पढ़े: MP Wildlife Rescue Centres: CM Mohan Yadav Announces Wildlife Hospitals and Rescue Units Inspired by Vantara

निष्कर्ष

वनतारा जामनगर से लाया गया प्रशिक्षित हाथी और भारतीय रेलवे की AI तकनीक, दोनों मिलकर वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित हो रहे हैं। यह पहल दिखाती है कि कैसे आधुनिक टेक्नोलॉजी और मानवीय संवेदनशीलता मिलकर न सिर्फ हाथियों की जान बचा सकती है, बल्कि रेल यात्रा को भी अधिक सुरक्षित बना सकती है।

अनंत अंबानी द्वारा संचालित वनतारा केंद्र ने इस प्रयास में योगदान देकर एक उदाहरण प्रस्तुत किया है कि निजी संस्थान भी पर्यावरण और पशु संरक्षण में अहम भूमिका निभा सकते हैं। भविष्य में, ऐसे नवाचार भारतीय रेलवे को न केवल तकनीकी रूप से समृद्ध बनाएंगे, बल्कि इंसान और वन्यजीवों के बीच बेहतर सह-अस्तित्व का रास्ता भी खोलेंगे।