Vantara Jamnagar में चार मादा और छह नर तेंदुओं को पुणे से लाया गया
Vantara Jamnagar: नमस्ते दोस्तों! आज मैं आपके लिए लाया हूँ वनतारा से जुड़ी एक खास जानकारी। महाराष्ट्र के पुणे वन विभाग के जुन्नर डिवीजन ने 10 तेंदुओं को गुजरात के Vantara Jamnagar में स्थानांतरित किया है। जुन्नर तालुका से चार मादा और छह नर तेंदुओं को वनतारा जामनगर भेजने की अनुमति पहले ही मिल चुकी थी। पुणे के जुन्नर वन विभाग ने अपने माणिकदोह तेंदुआ बचाव केंद्र से इन सभी तेंदुओं को कानूनी मंजूरी के साथ Vantara Jamnagar के वन्यजीव पुनर्वास केंद्र में भेजा।
अधिकारियों के अनुसार, Vantara Jamnagar से पशु चिकित्सकों, तीन एम्बुलेंस और वनतारा ग्रुप के खास 25 सदस्यीय दल ने जुन्नर पहुंचकर सभी तेंदुओं की सेहत की जांच की। जांच पूरी होने के बाद जुन्नर वन विभाग ने सभी तेंदुओं को Vantara Jamnagar के लिए रवाना कर दिया।
तेंदुओं को Vantara Jamnagar कैसे लाया गया?
जुन्नर वन विभाग की जानकारी के मुताबिक, Vantara Jamnagar Zoo की 25 सदस्यीय टीम आई जिसमें वहां के मैनेजर, पशु चिकित्सक और अन्य स्टाफ शामिल थे। तीन अत्याधुनिक एम्बुलेंस जुन्नर पहुंचीं, जो आधुनिक तकनीक से सुसज्जित थीं ताकि तेंदुओं को यात्रा में कोई असुविधा न हो। इन एम्बुलेंस में हाइड्रोलिक लिफ्ट टेक्नोलॉजी थी जिससे तेंदुओं को लाने-ले जाने में आसानी हुई।
इतना ही नहीं, Vantara Jamnagar की ओर से एक इमरजेंसी वाहन भी भेजा गया। माणिकदोह तेंदुआ बचाव केंद्र के 15 अधिकारियों ने इस पुनर्वास अभियान में मदद की। पिंजरे में बंद तेंदुओं को एम्बुलेंस में ले जाने से पहले पूरी मेडिकल जांच की गई और फिर उन्हें Vantara Jamnagar भेजा गया।
पुणे वन विभाग ने क्यों भेजे 10 तेंदुए Vantara Jamnagar?
हाल के वर्षों में कई न्यूज चैनलों और अखबारों में यह खबर आई कि जुन्नर तालुका में तेंदुओं और इंसानों के बीच टकराव और हमले लगातार हो रहे हैं। इसी कारण जुन्नर वन विभाग ने कुछ तेंदुओं को गुजरात स्थानांतरित करने का प्रस्ताव भेजा था। इलाके में तेंदुओं के हमले बढ़ने के कारण वातावरण खतरनाक हो गया था और विभाग के पास पिंजरे में बंद तेंदुओं की संख्या भी बढ़ गई थी।
कैद तेंदुओं के लिए पर्याप्त सुविधा और जगह की कमी के चलते, जुन्नर वन विभाग के पास नए तेंदुओं को रखने की कोई गुंजाइश नहीं थी। इन्हीं समस्याओं को देखते हुए जुन्नर से कुछ तेंदुओं को Vantara Jamnagar स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया।
महाराष्ट्र से सबसे नजदीकी राज्य गुजरात है, और गुजरात के जामनगर में Vantara Jamnagar एक आधुनिक वन्यजीव पुनर्वास केंद्र है जिसे अनंत अंबानी ने स्थापित किया है। यहाँ जानवरों की चिकित्सा, देखभाल, सुविधा, प्राकृतिक वातावरण और अंतरराष्ट्रीय मान्यता प्राप्त संरचना मौजूद है। इसी वजह से Vantara Jamnagar इन तेंदुओं के लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना गया। दिल्ली स्थित केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने माणिकदोह से चार मादा और छह नर तेंदुओं को Vantara Jamnagar स्थानांतरित करने की मंजूरी दी। यह भारत का सबसे बड़ा वन्यजीव बचाव और पुनर्वास केंद्र है, जहाँ घायल, संकटग्रस्त, शोषित और लुप्तप्राय जानवरों को नया जीवन मिलता है।
जुन्नर वनरक्षक ने क्या कहा तेंदुओं को भेजने से पहले?
जुन्नर वनरक्षक अधिकारी अमोल सतपुते ने बताया कि जुन्नर तालुका में तेंदुओं के हमलों को कम करने के लिए यह बहुत जरूरी कदम था। मार्च से मई 2024 के बीच तेंदुओं के हमलों में तीन लोगों की जान गई थी और कई अन्य घायल हुए थे। पकड़े गए तेंदुओं को पिंपरी पेधार, पिपालवंडी और कालवाड़ी जैसे क्षेत्रों से लाया गया था, जहाँ हमले सबसे ज्यादा हो रहे थे। इन 10 तेंदुओं को पकड़कर Vantara Jamnagar भेजा गया, जहाँ उन्हें अब नया जीवन मिलेगा।
यह भी पढ़े : vantara jamnagar Ambani’s 3000 acre zoo is not a museum but a zoological sanctuary
निष्कर्ष:
Vantara Jamnagar में पुणे से लाए गए 10 तेंदुओं का स्थानांतरण केवल एक पुनर्वास प्रक्रिया नहीं, बल्कि इंसान और वन्यजीवों के बीच संतुलन स्थापित करने की एक सराहनीय पहल है। जुन्नर जैसे क्षेत्रों में तेंदुओं के बढ़ते हमलों और वन विभाग की सीमित सुविधाओं को देखते हुए, इन तेंदुओं को एक सुरक्षित और उन्नत वातावरण प्रदान करना आवश्यक था। अनंत अंबानी द्वारा स्थापित Vantara Jamnagar आज न केवल भारत का सबसे बड़ा वन्यजीव पुनर्वास केंद्र बन चुका है, बल्कि यह उन जानवरों के लिए आशा की किरण भी है जिन्हें दूसरी जिंदगी की जरूरत है। यह कदम वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गया है।
FAQ
जुन्नर तालुका में कितने किले हैं?
जुन्नार तालुका मे दो पाँच नहीं बल्कि 7 पहाड़ी किले मौजूद है। शिवनेरी किला, चावंड किला, नीमगिरि किला, नारायणगढ़ किला, हडसर किला, जीवनधन किला और शिंडोला किला सभी जुन्नार और उसके आसपास मौजूद हैं।
जुन्नर तालुका में कितनी गुफाएं हैं?
जुन्नार मे कुल मिलाकर चार पर्वतीय शिखरों मे 220 गुफाये मौजूद है