Vantara : नमस्ते दोस्तों आज की यह जानकारी Vantara Reliance की ओर से लेकर आया हु, मायापुर की विष्णुप्रिया ओर लक्ष्मीप्रिया की ऐडवोकेसी प्रोजेक्ट की निदेशक खुशबू गुप्ता ने जो बताया है उसकी जानकारी इस आर्टिकल मे आप को दी जाएगी यह जानकारी बहुत ही महत्वपूर्ण है। पेटा इंडिया ने सभी मंदिरों को यांत्रिक हाथी का उपयोग करने की सलाह दी है। ओर वनतारा प्रोजेक्ट को सराहनीय ओर दयालु संस्थान बताया है।
पेटा इंडिया की निर्देशक खुशबू गुप्ता ने 2 हाथियों के पुनर्वास को Vantara Reliance दयालु बताया
मे दोनों हाथियों के पुनर्वास का स्वागत करते हुवे, पेटा इंडिया की ऐडवोकेसी प्रोजेक्टस् की निर्देशक खुशबू गुप्ता कहती है, हम इस्कॉन मंदिर की सराहना करते है की उसने विष्णुप्रिया ओर लक्ष्मीप्रिया मादा हथनियों को vantara मे पुनर्वास करने के लिए दयालु कदम उठाया है,ओर उम्मीद करते है की बंदी हाथियों को रखने वाले अन्य मंदिर ओर संस्थान भी उन्हे पुनर्वास के लिए भेजने के लिए प्रेरित होंगे। आज, यांत्रिक हाथी सभी आवश्यक कार्य कर सकते है,जिसमे असली जीवित हाथियों का पुनर्वास करवाया जा सकता है या वे हाथियों को अपने जंगल के प्राकृतिक आवासों मे रह सकते है।
पेटा इंडिया ने सभी मंदिरों को यांत्रिक हाथियों का उपयोग करने की रिक्वेस्ट की
पेटा इंडिया ने 2023 की शुरुआत मे मंदिरों मे जीवित हाथीयो को बदलने के लिए सहानुभूतिपूर्ण आंदोलन की शुरुआत की। अब दक्षिण भारत के मंदिरों मे कम से कम बारह यांत्रिक हाथीयो का उपयोग कीर जाता है,जिनमे से पेटा इंडिया ने सात हाथियों को दान मे दिया है,जो मंदिरों के इस निर्णय के सम्मान मे है की वे कभी भी जीवित हाथियों को न रखे ओर न ही किराये पर ले। इन यांत्रिक हाथियों का उपयोग अब उनके मंदिरों मे सुरक्षित ओर क्रूरता मुक्त तरीके से समारोह आयोजित करने के लिए किया जाता है।
जानिए यांत्रिक हाथी के बारे मै केसे करता है काम
यांत्रिक हाथी 3 मीटर लंबे होते है ओर उनका वजन 800 किलोग्राम होता है। यांत्रिक हाथी की बनावट रबर,फाइबर,धातु, जाली , फ़ोम ओर स्टील से बने होते है ओर पाँच मोटरों पर चलते है। एक यांत्रिक हाथी असल हाथी की तरह ही दिखता है,महसूस करता है ओर ओर इस्तमाल भी कर सकते है। यह यांत्रिक हाथी अपना सिर हिला सकता है। अपने कान ओर आंखे हिला सकता है,अपनी पुंछ हिला सकता है,अपनी सूंढ़ ऊपर उठा सकता है,ओर सबसे बड़ी बात यह है की अपनी सूंढ़ से जीवित हाथी की तरह पानी भी छिड़क सकता है। इस यांत्रिक हाथी की सवारी भी करसकते है इसकी पीठ पर सीट भी लगाई जा सकती है। यांत्रिक हाथी को बस बिजली से प्लग करके ओर खेलकर संचालित किया जा सकता है ओर सड़कों पर ले जाया जा सकता है। उन्हे एक व्हीलबेस पर रखा जाता है, जिससे उन्हे अनुष्ठानों ओर जुलूसों के लिए इधर उधर लेजाया ओर लाया या फिर भेजा जा सकता है।
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बंदी हाथियों ने 15 साल मे केरल मे 526 लोगों को मार डाला है
हाथी एक बेहद चतुर,सक्रिय ओर मिलनसार जंगली प्राणी है। कैद मे,उन्हे बलपूर्वक जुलूसों मे इस्तेमाल करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, जिसमे मार पीट ओर पीड़ा पहुचने के लिए हथियारों का इस्तेमाल शामिल है। मंदिरों ओर अन्य स्थानों पर बंदी बनाए गए कई हाथियों को घंटों तक कंक्रीट के फर्श पर बंधे रहने के कारण पैरों की बेहद दर्दनाक समस्याओ ओर पैरों के घावो से पीड़ित होते है। अधिकांश हाथियों को पर्याप्त भोजन ओर पानी पशु चिकित्सा देखभाल ओर प्राकृतिक जीवन की किसी भी तरह की समानता से वंचित किया जाता है। इन नारकीय परिस्थितियों मे,कई हाथी बेहद निराश होजाते है ओर हमला करदेते है,कभी कभी महावत या अन्य मनुष्यों को मारदेते है। हेरिटेज एनिमल टास्क फोर्स के अनुसार,बंदी हाथियों ने 15 साल की अवधि मे सिर्फ केरल मे 526 लोगों को मार डाला है
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FAQ
पेटा इंडिया क्या है ?
पेटा इंडिया पशुओ के प्रति नैतिक व्यवहार के दुरुपयोग का विरोध करता है पेटा इंडिया एक पशु अधिकार संगठन है,जो किसी भी जानवरों को जैसे की भोजन,कपड़े ,मनोरंजन ,या अनुसंधान के लिए उपयोग या दूरव्यवहार हा विरोध करता है
पेटा इंडिया की शुरुआत कब हुई ?
पेटा इंडिया की शुरुआत 2000 मे हुई थी ओर इसका मुख्यालय मुंबई मे है