Vantara : नमस्ते दोस्तों आज मे लाया हु आप के लिए बहुत ही महत्व पूर्ण जानकारी टाइटल से आप समज ही गए होंगे,यह जानकारी बहुत ही रिसर्च के बाद आप के सामने लाया हु 1998 मे तत्कालीन भारतीय पशु कल्याण कैबिनेट मंत्री मेनका गांधी की महत्वाकांक्षा को अनंत अंबानी द्वारा वनतारा एनिमल रेस्क्यू सेंटर के रूप मे पूरी हुई है।
Vantara मे स्तनधारी शिकारियों के लिए 11 अलग अलग क्षेत्र शामिल किए गए
![Vanatara zoo](http://vantarajamnagar.in/wp-content/uploads/2025/01/greens-zoological-jamnagar.pdf-78-1024x576.jpg)
वनतारा के 2019 के मास्टर प्लान मे दिखाए गए प्राथमिक स्थल के अतिरिक्त,वनतारा मे कई अतिरिक्त बदलाव शामिल किए गए, जिसमे अन्य प्रजातियो के अलावा हाथियों, गैंडों, पक्षियों ओर गैरमानव प्राइमेन्ट, तेंदुओ, बाघों,कैराकल,ओर अन्य स्तनधारी शिकारियों ओर मगरमच्छों के लिए ग्यारह अलग अलग क्षेत्र शामिल किए गए। इनमे से कई क्षेत्र अन्य क्षेत्रो से पूरी तरह जुड़े हुवे नहीं है, कुछ तो पूरी तह से अलग है।
वनतारा एक कल्पना से मिलता जुलता प्रोजेक्ट है
![vantara](http://vantarajamnagar.in/wp-content/uploads/2025/01/greens-zoological-jamnagar.pdf-75-1024x576.jpg)
समग्र रूप से, वनतारा एक कल्पना से मिलता जुलता प्रोजेक्ट है, जिसका वर्णन पहलीबार ऐनिमल्स 24-7 को भारतीय राष्ट्रीय पशु वकालत संगठन पीपल फॉर ऐनिमल्स की सस्थापक मेनका गांधी ने किया था,लगभग उस समय जब अनंत अंबानी की उम्र 5 साल के आस पास होगी तब उन्होंने स्कूल जाना शुरू किया था।
मेनका गांधी को दुख था मुक्त करवाए गए जानवरों को भेजने के लिए स्थान नहीं था
![vantara](https://vantarajamnagar.in/wp-content/uploads/2025/02/greens-zoological-jamnagar.pdf-1200-x-675-px-33-1.webp)
पूर्व मे भारत सरकार मे वन, वन्यजीव ओर पशु कल्याण राज्य मंत्री रह चुके मेनका गांधी को इस बात का दुख था की घटिया चिड़ियाघरों, सर्कसों, मंदिरों, विज्ञापन एजेंसियों ओर लापरवाह प्राइवेट मालिकों से अदालती आदेश द्वारा मुक्त करवाए गए जंगली जानवरों को भेजने के लिए उपयुक्त स्थान बिल्कुल नहीं था, जहा बचाए गए जानवरों को सुरक्षित ओर अच्छी देखभाल के साथ साथ सुरक्षित निवास प्रदान करे।
1995 मे बियर के लिए तीन अभयारण्य स्थापित करने मे मदद की थी
![vantara](https://vantarajamnagar.in/wp-content/uploads/2025/02/greens-zoological-jamnagar.pdf-1200-x-675-px-32.webp)
जब 1995 मे मेनका गांधी ने वाइल्डलाइफ SOS के संस्थापक कार्तिक सत्यनारायण ओर गीता शेषमणी को डांसिंग बियर प्रदर्शनी पर प्रतिबंध लगाने के बाद पूर्व डांसिंग बियर के लिए तीन अभयारण्य स्थापित करने मे मदद की थी। बाद मे उन्होंने वाइल्डलाइफ SOS को ऐसे अभयारण्य शुरू करने मे मदद की जिनमे अब हाथी,बाघ, ओर तेंदुए के अलावा अन्य प्रजातिया है। लेकिन बचाए गए पशुओ को जीवनपर्यन्त गुणवत्तापूर्ण देखभाल प्रदान करने मे सक्षम बचाव सुविधाओ की आवश्यकता, वन्यजीव SOS तथा कई अन्य अभयारण्य संगठनों की धन संग्रह क्षमता से कही अधिक रही, जो घायल ओर या जब्त किए गए वन्यजीवों को स्वीकार करते थे।
यह भी पढ़े : VANTARA JAMNAGAR ZOO ONLINE TICKET BOOKING : वनतारा जामनगर चिड़ियाघर ऑनलाइन बुकिंग
यह सपना वनतारा प्रोजेक्ट के रूप मे अनंत अंबानी ने पूरा किया
![vantara](http://vantarajamnagar.in/wp-content/uploads/2025/02/greens-zoological-jamnagar.pdf-1200-x-675-px-29.webp)
इस से भी बुरी बात यह है की मेनका गांधी के अनुसार 20 साल पहले तक पूरे भारत मे एक भी अन्तराष्ट्रिय स्तर पर मान्यता प्राप्त वन्यजीव पशु चिकित्सक नहीं था, यहा तक की सबसे बड़े चिड़ियाघरों के कर्मचारियो मे भी नहीं। मेनका गांधी ने एक ऐसी सुविधा स्थापित करने का सपना देखा था, जहा पहले से ही मवेशियों, भेड़ों,बकारिया,ऊंटों,घोड़ों,ओर कुत्तों के इलाज के लिए प्रशिक्षित भारतीय पशु चिकित्सक वन्यजीवों के व्यापक स्पेक्ट्रम का इलाज करना सिख सके। यह सपना अनंत अंबानी के वनतारा प्रोजेक्ट के रूप मे अनंत अंबानी ने पूरा करदिया है। आज वनतारा एनिमल रेस्क्यू सेंटर मे 2700 वनतारा के कर्मचारियों मे से 80 पूर्णकालीन पशु विशेषयज्ञ ओर चिकित्सक है,जिनमे से 30 को 300 के आस पास स्थानीय हाथियों की देखभाल के लिए पूर्णकालीन रूप से नियुक्त किया गया है।
यह भी पढ़े : vantara jamnagar Ambani’s 3000 acre zoo is not a museum but a zoological sanctuary
FAQ
वन्यजीव SOS क्या है ?
वन्यजीव SOS एक गैर लाभ कारी चैरिटी है जिसका मकसद भारत के वन्यजीवों की सुरक्षा करना ओर पर्यावरण का संरक्षण करना है,
वन्यजीव SOS की स्थापना कब हुई थी ?
वन्यजीव SOS की स्थापना 1995 मे की गई थी