Vantara Jamnagar ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जानवरों के कल्याण और संरक्षण के क्षेत्र में यह दुनिया का सबसे अग्रणी प्रयास है। जब पूरी दुनिया में हाथियों की संख्या घट रही है, उनका शिकार उनके कीमती दांतों के लिए किया जा रहा है और वे मनोरंजन का साधन बन चुके हैं — ऐसे दौर में अनंत अंबानी ने अफ्रीका से तीन जंगली हाथियों को बचाकर उन्हें नया जीवन दिया है।

दुनिया में हाथियों की दुर्दशा
आज दुनिया में जानवरों की मौत के कई कारण हैं, लेकिन हाथियों की स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है। उन्हें उनके दांतों के लिए बेरहमी से मारा जाता है। कभी बीमार पड़ने पर उन्हें मरने के लिए छोड़ दिया जाता है। कई बार मनोरंजन के लिए पिंजरे में कैद कर उनका उपयोग किया जाता है, जिससे उनका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है।
भारत में भी, विशेष रूप से मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ जैसे इलाकों में हाथियों की रहस्यमयी मौतें सामने आ चुकी हैं, लेकिन इस दिशा में गहरी चिंता और कार्रवाई की कमी रही है। ऐसे समय में जब अधिकांश लोग चुप थे, एक ऐसा व्यक्ति सामने आया जिसने न सिर्फ चिंता जताई, बल्कि काम करके दिखाया — वह हैं मुकेश अंबानी के छोटे बेटे, अनंत अंबानी।
अनंत अंबानी का पशु-पक्षियों के प्रति प्रेम और सेवा का जज्बा पूरी दुनिया में प्रसिद्ध हो चुका है। उन्होंने यह सार्वजनिक रूप से कहा है कि अगर दुनिया के किसी भी कोने में कोई जानवर बीमार है, तो वे उसकी चिकित्सा और देखभाल के लिए हमेशा तैयार हैं — और Vantara Jamnagar इसका सशक्त प्रमाण है।

अफ्रीका से तीन जंगली हाथियों को Vantara Jamnagar लाया गया
हाल ही में साउथ अफ्रीका से तीन जंगली हाथियों को गुजरात के जामनगर स्थित वन्यजीव पुनर्वास केंद्र Vantara Jamnagar में विशेष कार्गो विमान के ज़रिए लाया गया। इनमें दो मादा और एक नर हाथी हैं, जिनकी उम्र करीब 29 वर्ष है। अब ये तीनों हाथी वनतारा का हिस्सा बन चुके हैं, और इन्हें नया जीवन मिल चुका है।
इन हाथियों के नाम हैं:
- नर हाथी – अच्युतम
- मादा हाथी – कानी
- मादा हाथी – मीना
ये तीनों हाथी महज 4–5 साल की उम्र में अफ्रीकी देश बुर्किना फासो से ट्यूनीशिया के एक चिड़ियाघर में भेज दिए गए थे। वहां इनका उपयोग सिर्फ मनोरंजन के लिए किया जाता था। लंबे समय तक पिंजरे में रहने के कारण इनके स्वास्थ्य और व्यवहार पर गंभीर असर पड़ा।

कानूनी प्रक्रिया पूरी कर अफ्रीका से लाए गए हाथी
इन हाथियों को भारत लाने के लिए सभी अंतरराष्ट्रीय कानूनों, वन्यजीव संरक्षण अधिनियमों और पर्यावरणीय नियमों का पूर्ण पालन किया गया। Vantara Jamnagar की टीम ने यह सुनिश्चित किया कि CITES (Convention on International Trade in Endangered Species) जैसे वैश्विक दिशानिर्देशों के अंतर्गत यह प्रक्रिया पारदर्शिता और नैतिकता के साथ पूरी हो।
‘जंगल में वापसी अब संभव नहीं थी’
अफ्रीका के चिड़ियाघर में ये हाथी पहले सभी का ध्यान आकर्षित करते थे, लेकिन समय के साथ वहां की व्यवस्था बिगड़ती गई। आर्थिक तंगी, देखभाल की कमी और कर्मचारियों की असमर्थता ने हालात बदतर कर दिए। मादा हाथी मीना वर्षों से पिंजरे में कैद थी और उसे इंसानी सहायता की आदत पड़ चुकी थी। ऐसे में उसका जंगल में लौटना लगभग असंभव हो गया था।
चिड़ियाघर प्रशासन ने जब देखा कि वे इन हाथियों को ठीक से संभाल नहीं पा रहे हैं, तो उन्होंने एक ऐसा स्थान ढूंढना शुरू किया जहाँ हाथियों को सम्मान और सुकून के साथ सेवा-निवृत्त जीवन मिल सके। उनकी तलाश Vantara Jamnagar पर आकर खत्म हुई। उन्होंने माना कि यह दुनिया का सबसे बेहतरीन पशु पुनर्वास केंद्र है।

चिकित्सा समस्याओं से जूझ रहे थे तीनों हाथी
इन तीनों हाथियों की सेहत भी अच्छी नहीं थी। जब Vantara Jamnagar की मेडिकल टीम ने जांच की, तो यह पाया गया कि:
- नर हाथी अच्युतम की एक दाढ़ अंदर से टूटी हुई थी, और उस स्थान पर संक्रमण फैल गया था।
- मादा हाथी कानी के पैरों के नाखूनों में दरारें पड़ चुकी थीं, जो फर्श की कठोरता और लंबे समय तक सीमेंट-कंक्रीट के फर्श पर खड़े रहने की वजह से हुई थीं।
- मीना को मानसिक अवसाद के लक्षण दिखाई दे रहे थे — यह वर्षों की कैद और अकेलेपन का नतीजा था।
ट्यूनीशिया के उस चिड़ियाघर में उन्हें बस सूखी घास और पानी दिया जाता था, जबकि एक हाथी को मानसिक, सामाजिक और शारीरिक संवर्धन की ज़रूरत होती है।

हाथियों की प्रजाति और मूल निवास
ये तीनों हाथी दक्षिण अफ्रीका की Loxodonta cyclotis प्रजाति से संबंधित हैं, जो मध्य और पश्चिमी अफ्रीका के उष्णकटिबंधीय घने जंगलों में पाए जाते हैं। यह प्रजाति अपने बड़े कान, मोटे दांत और झुंड में रहने की प्रवृत्ति के लिए जानी जाती है। अफ्रीका के जंगलों में इनका जीवन प्राकृतिक होता है — खुले वातावरण, गीली मिट्टी, और सामाजिक संपर्क के साथ।
लेकिन चिड़ियाघरों की सीमित जगह और कृत्रिम माहौल ने इनके जीवन को कैद में बदल दिया था।
Vantara Jamnagar: जहाँ मिले प्रकृति जैसे हालात और आधुनिक इलाज
Vantara Jamnagar में इन तीनों अफ्रीकी हाथियों के लिए ऐसा वातावरण तैयार किया गया है जो पूरी तरह से प्राकृतिक है — जैसे वे जंगल में हों। यहाँ उन्हें:
- खुला मैदान
- कीचड़ स्नान
- प्राकृतिक जल स्रोत
- मानसिक रूप से सक्रिय बनाए रखने वाली गतिविधियाँ
- नियमित चिकित्सकीय देखभाल
जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
इसके साथ ही, Vantara Jamnagar में भारत का सबसे आधुनिक और सुसज्जित पशु अस्पताल भी है, जहाँ अंतरराष्ट्रीय स्तर के पशु चिकित्सक तैनात हैं। अच्युतम की दाढ़ की सर्जरी की योजना बनाई जा चुकी है, और कानी व मीना को भी फिजियोथेरेपी और पोषण संबंधी उपचार दिया जा रहा है।
हाथियों की औसत उम्र और भविष्य की उम्मीद
हाथियों की औसत उम्र 75 से 80 वर्ष होती है। यह तीनों अभी भी अपने जीवन के मध्य काल में हैं। Vantara Jamnagar ने न सिर्फ इन्हें नई ज़िंदगी दी है, बल्कि यह सुनिश्चित किया है कि आगे का जीवन उन्हें प्यार, देखभाल और सम्मान के साथ मिले।
यह एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे निजी प्रयास और करुणा मिलकर वन्यजीवों के लिए एक नई दुनिया बना सकते हैं।
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निष्कर्ष
Vantara Jamnagar ने यह साबित कर दिया है कि जब इच्छाशक्ति हो, तो दुनिया के किसी भी कोने से पीड़ित जानवरों को बचाया जा सकता है। अनंत अंबानी ने न सिर्फ अफ्रीका के इन तीनों हाथियों को नई ज़िंदगी दी, बल्कि यह भी दिखाया कि भारत वन्यजीवों की सेवा और संरक्षण के क्षेत्र में दुनिया का अगुवा बन सकता है।
इन हाथियों की यात्रा अब नए मोड़ पर है — जहां दर्द और कैद की जगह अब प्यार, स्वतंत्रता और देखभाल ने ली है।
FAQ
अनंत अंबानी के वंतारा में क्या है खास ?
वनतारा मे सबसे खास वन्यजीवों के लिए बहुत ही विशाल जगह मे अत्याधुनिक अस्पताल है,ओर हाथियों के लिए रसोई घर है,जो इंसान खा सकते है वेसी ही क्वालिटी का खाना हाथियों को परोसा जाता है ।
रिलायंस फाउंडेशन ?
रिलायंस फाउंडेशन एक दुनिया भर मे बहुत बड़ा नाम है,वनतारा रिलायंस फाउंडेशन का एक छोटा सा हिस्सा है