Prime Minister launches Aravali Green Wall Project’: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में ऐतिहासिक कदम

📝 Last updated on: June 5, 2025 7:51 pm
Prime Minister launches Aravali Green Wall Project

Prime Minister launches Aravali Green Wall Project’—यानी ‘प्रधानमंत्री ने लॉन्च की अरावली ग्रीन वॉल परियोजना’, यह कदम भारत में हरित आवरण बढ़ाने और मरुस्थलीकरण को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस परियोजना के साथ ही “एक पेड़ मां के नाम” अभियान का दूसरा चरण भी शुरू किया गया है, जो देशभर में एक जनआंदोलन बन चुका है।

अरावली ग्रीन वॉल परियोजना की शुरुआत

विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भगवान महावीर वनस्थली पार्क में एक पेड़ लगाकर इस महत्वपूर्ण परियोजना की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे इस हरित क्रांति में भाग लें और धरती पर हरियाली बढ़ाने में अपना योगदान दें।

Prime Minister launches ‘Aravali Green Wall Project’ के अंतर्गत दिल्ली से लेकर गुजरात तक फैली अरावली पर्वतमाला में पेड़ लगाए जाएंगे। इस क्षेत्र को हराभरा बनाने की योजना के तहत, अरावली के पांच किलोमीटर चौड़े बफर ज़ोन में हरित पट्टी विकसित की जाएगी।

अरावली पर्वत श्रृंखला का महत्व

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर साझा किए गए संदेश में बताया कि अरावली पर्वत श्रृंखला पृथ्वी की सबसे पुरानी पर्वतमालाओं में से एक है, जो दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में फैली हुई है। लेकिन बीते वर्षों में यह क्षेत्र कई पर्यावरणीय चुनौतियों से जूझ रहा है, जिनमें वनों की कटाई, अवैध खनन और मानवीय अतिक्रमण प्रमुख हैं। अब सरकार ने इन समस्याओं से निपटने का संकल्प लिया है।

प्रधानमंत्री की पर्यावरणीय दृष्टि

पीएम मोदी ने कहा, “हमारा ध्यान अरावली पर्वतमाला से लगे क्षेत्रों का पुनर्जीवन करने पर है। इसके लिए हम स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर जल संसाधनों का पुनर्संवर्धन, धूल भरी आंधियों को नियंत्रित करना, और थार रेगिस्तान के फैलाव को रोकना जैसे कदम उठाएंगे।”

उन्होंने यह भी बताया कि वृक्षारोपण गतिविधियों को आधुनिक तकनीकों की सहायता से जियो-टैग किया जाएगा और ‘मेरी लाइफ पोर्टल’ के माध्यम से इनकी निगरानी की जाएगी।

क्या है परियोजना का लक्ष्य?

इस परियोजना का उद्देश्य लगभग 64 लाख हेक्टेयर भूमि पर 5 किलोमीटर चौड़ी हरित पट्टी तैयार करना है, जिसमें से लगभग 42% भूमि बंजर है। इस पहल के अंतर्गत 29 जिलों में करीब 1,000 नर्सरी विकसित की जाएंगी, जिससे वृक्षारोपण को बढ़ावा मिलेगा।

नीचे दी गई तालिका में इस परियोजना से जुड़े मुख्य बिंदु दर्शाए गए हैं:

विशेषताविवरण
परियोजना का नामAravali Green Wall Project
कीवर्डPrime Minister launches ‘Aravali Green Wall Project’
उद्देश्यमरुस्थलीकरण रोकना, हरित पट्टी का विस्तार
लागू राज्यदिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात
कवर क्षेत्र29 जिले, 64 लाख हेक्टेयर भूमि
प्रमुख अभियान‘एक पेड़ मां के नाम’ योजना का दूसरा चरण
पेड़ लगाने का लक्ष्यअब तक 109 करोड़ पेड़ लगाए जा चुके
तकनीकजियो-टैगिंग, ‘मेरी लाइफ’ पोर्टल पर निगरानी
शामिल वन क्षेत्र4 बाघ अभयारण्य, 22 वन्यजीव अभयारण्य

यह भी पढ़े: वन्तारा जामनगर: भारत का सबसे अनोखा वन्यजीव पुनर्वास केंद्र

“एक पेड़ मां के नाम” का विस्तार

इस परियोजना के साथ ही “एक पेड़ मां के नाम” अभियान का दूसरा चरण भी आरंभ किया गया है। यह पहल प्रधानमंत्री द्वारा पहली बार 5 जून 2024 को शुरू की गई थी और अब तक इस अभियान के अंतर्गत 109 करोड़ पेड़ लगाए जा चुके हैं। यह अब न सिर्फ एक पर्यावरणीय प्रयास है बल्कि एक भावनात्मक जनआंदोलन भी बन चुका है।

यह भी पढ़े: Vantara: अनंत अंबानी के वन्यजीव संरक्षण केंद्र में हाथियों के लिए विशेष आहार योजना

चार राज्यों में फैली अरावली

अरावली पर्वत श्रृंखला लगभग 700 किलोमीटर तक फैली है और यह दिल्ली, राजस्थान, गुजरात और हरियाणा जैसे चार राज्यों की सीमाओं से जुड़ी है। इस क्षेत्र में 4 टाइगर रिज़र्व और 22 वाइल्डलाइफ सैंक्चुअरी शामिल हैं, जो इसे जैव विविधता की दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण बनाते हैं।

यह भी पढ़े: Plastic Pollution World Environment Day: A Global Call to Action

निष्कर्ष Prime Minister launches Aravali Green Wall Project

Prime Minister launches ‘Aravali Green Wall Project एक व्यापक, दूरदर्शी और पर्यावरण के लिए अनिवार्य कदम है। यह न केवल हमारे देश के हरित आवरण को बढ़ाएगा, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए स्वच्छ और सुरक्षित पर्यावरण सुनिश्चित करेगा। यह समय है जब हर नागरिक को इस पहल का हिस्सा बनना चाहिए और “एक पेड़ मां के नाम” लगाकर प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य को निभाना चाहिए।