दुनिया का सबसे बड़ा पशु देखभाल केंद्र: vantara jamnagar की अनोखी पहल

📝 Last updated on: June 9, 2025 3:15 pm
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रिलायंस ने जामनगर में रचा इतिहास

vantara jamnagar: रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन ने मिलकर गुजरात के जामनगर में दुनिया का सबसे बड़ा पशु देखभाल केंद्र स्थापित किया है, जिसे “वंतारा” (Star of the Forest) नाम दिया गया है। यह न केवल भारत का पहला ऐसा एनिमल रेस्क्यू और रिहैबिलिटेशन सेंटर है, बल्कि विश्व स्तर पर अपनी तरह की अनोखी पहल है। यह पूरा प्रोजेक्ट रिलायंस के सामाजिक दायित्व के हिस्से के रूप में तैयार किया गया है, जिसका सपना अनंत अंबानी ने देखा था।

vantara jamnagar: घायल जानवरों के लिए नई उम्मीद

वंतारा प्रोग्राम का उद्देश्य देश और विदेश में घायल, बीमार या संकट में फंसे जानवरों को बचाना, उनका इलाज करना, देखभाल करना और उन्हें पुनः प्राकृतिक वातावरण में बसाना है। यह केंद्र आम लोगों के लिए खुला नहीं है, लेकिन VANTARAJAMNAGAR.IN वेबसाइट के माध्यम से इस जगह की झलक पाई जा सकती है।

3000 एकड़ में फैला प्राकृतिक बचाव केंद्र

वंतारा रेस्क्यू सेंटर रिलायंस की जामनगर रिफाइनरी के 3000 एकड़ के ग्रीनबेल्ट क्षेत्र में स्थित है। यह पूरा क्षेत्र पूरी तरह हरित और प्राकृतिक बनाया गया है ताकि बचाए गए जानवरों को जंगल जैसा वातावरण मिल सके।

अनंत अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट

वंतारा का विचार रिलायंस इंडस्ट्रीज के निदेशक अनंत अंबानी द्वारा रखा गया था। वे इसे केवल एक परियोजना नहीं बल्कि अपने जीवन का मिशन मानते हैं। वे अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में भी कंपनी का नेतृत्व कर रहे हैं, और वंतारा के माध्यम से वन्यजीव संरक्षण में भी योगदान दे रहे हैं।

आधुनिक पशु अस्पताल और अनुसंधान केंद्र

वंतारा में अत्याधुनिक पशु चिकित्सा सुविधाएं हैं, जिनमें दुनिया का सबसे बड़ा हाथी अस्पताल भी शामिल है। यह अस्पताल 25,000 वर्ग फीट में फैला हुआ है, जिसमें पोर्टेबल एक्स-रे, लेजर मशीनें, सर्जिकल टेबल, हाइपरबेरिक ऑक्सीजन चेंबर, एंडोस्कोपी उपकरण, और ICU जैसी सुविधाएं मौजूद हैं।

200 से अधिक हाथियों की देखभाल

अब तक इस केंद्र के माध्यम से 200 से अधिक हाथियों को बचाया जा चुका है। इनके लिए विशेष हाथी केंद्र विकसित किया गया है जिसमें हाइड्रोथेरेपी पूल, जलाशय, और हाथी गठिया के इलाज के लिए विशाल जकूज़ी तक उपलब्ध है।

500 से अधिक विशेषज्ञ कर्मचारी

वंतारा में जानवरों की देखभाल के लिए 500 से अधिक विशेषज्ञों की टीम है, जिसमें पशु चिकित्सक, पोषण विशेषज्ञ, जीवविज्ञानी और नैचुरोपैथ शामिल हैं। ये कर्मचारी चौबीसों घंटे पशुओं की सेवा में जुटे रहते हैं।

हाथियों के लिए विशेष रसोईघर और आयुर्वेद

यहाँ 14,000 वर्ग फुट का हाथी रसोईघर भी है, जहाँ प्रत्येक हाथी की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए विशेष भोजन तैयार किया जाता है। साथ ही, हाथियों के लिए आयुर्वेदिक उपचार भी दिए जाते हैं, जैसे गर्म तेल की मालिश और मुल्तानी मिट्टी का उपयोग।

650 एकड़ में पुनर्वास केंद्र

वंतारा ने 650 एकड़ में विशेष पुनर्वास केंद्र भी बनाया है, जहाँ सर्कस और भीड़भाड़ वाले चिड़ियाघरों से लाए गए जानवरों को नया जीवन मिलता है। इसने अब तक 200 से अधिक तेंदुओं और 1000 से अधिक मगरमच्छों को बचाया है।

43 प्रजातियों के 2000 से अधिक जानवर

वर्तमान में वंतारा में 43 विभिन्न प्रजातियों के 2000 से अधिक जानवर हैं, जिनमें तेंदुए, शेर, बाघ, जगुआर, हिरण, सांप, कछुए और मगरमच्छ शामिल हैं। यह केंद्र लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम पर भी काम कर रहा है।

सख्त कानूनों के तहत होता है हर बचाव कार्य

हर जानवर को चिड़ियाघर नियम 2009 और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत ही वंतारा लाया जाता है। इस प्रक्रिया में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, राज्य के वन्यजीव विभाग और अन्य सरकारी एजेंसियों से अनुमति ली जाती है।

अंतरराष्ट्रीय पहचान और सहयोग

वंतारा को IUCN और WWF जैसे अंतरराष्ट्रीय संगठनों से मान्यता प्राप्त है। यह केंद्र मेक्सिको, वेनेजुएला और अफ्रीकी देशों से भी गंभीर रूप से बीमार जानवरों को लाकर उनका इलाज कर चुका है।

वनतारा बनेगा वैश्विक संरक्षण का प्रतीक

अनंत अंबानी का मानना है कि “जीव सेवा, ईश्वर सेवा और मानवता सेवा है”। वे चाहते हैं कि वंतारा एक वैश्विक संरक्षण मॉडल बने, जिससे दुनिया यह सीखे कि कैसे आधुनिक विज्ञान, पारंपरिक ज्ञान और करुणा से वन्यजीवों की रक्षा की जा सकती है।

बचाव केंद्र में विकसित मेडिकल रिसर्च इंफ्रास्ट्रक्चर

वंतारा में एक लाख वर्ग फीट क्षेत्रफल में अत्याधुनिक अस्पताल और चिकित्सा अनुसंधान केंद्र बनाया गया है। यह केंद्र ICU, MRI, CT स्कैन, एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, डायलिसिस, सर्जरी, एंडोस्कोपी, डेंटल स्केलर और यहां तक कि ब्लड प्लाज्मा सेपरेशन जैसे उन्नत उपचारों के लिए भी सुसज्जित है। लाइव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के लिए इसमें OROne टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल होता है।

लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए संरक्षित आबादी तैयार करना

वंतारा ने सात भारतीय और विदेशी लुप्तप्राय प्रजातियों के लिए संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम शुरू किया है। इसका उद्देश्य इन प्रजातियों की एक स्थायी आबादी विकसित करना है ताकि भविष्य में उन्हें फिर से उनके मूल निवास स्थान में छोड़ा जा सके और विलुप्ति से बचाया जा सके। यह कदम भारत में जैव विविधता को संरक्षित रखने की दिशा में एक ऐतिहासिक प्रयास है।

2100 कर्मचारियों की समर्पित टीम

पूरे वंतारा प्रोजेक्ट को सुचारू रूप से चलाने के लिए कुल 2100 से अधिक लोग कार्यरत हैं। ये सभी कर्मचारी किसी न किसी रूप में पशु देखभाल, चिकित्सा, पर्यावरण प्रबंधन, पोषण, पुनर्वास और सुरक्षा में विशेषज्ञ हैं। उनके प्रयासों से ही यह दुनिया का सबसे बड़ा पशु देखभाल केंद्र बन सका है।

अंतरराष्ट्रीय बचाव अभियानों में भी सक्रिय भागीदारी

वंतारा भारत तक ही सीमित नहीं है। हाल ही में सेंट्रल अमेरिका, मैक्सिको और वेनेजुएला जैसे देशों से गंभीर रूप से बीमार या संकटग्रस्त जानवरों को भी भारत लाकर उनका इलाज किया गया है। यह पूरी प्रक्रिया अंतरराष्ट्रीय और भारतीय कानूनों के तहत की जाती है, जिसमें संबंधित देशों की चिड़ियाघर अथॉरिटी, भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय और वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो की अनुमति ली जाती है।

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पशु आदान-प्रदान पूरी तरह कानूनी प्रक्रिया के तहत

वंतारा में लाए गए सभी जानवरों का आदान-प्रदान पूरी तरह से पारदर्शी और कानून सम्मत है। इसके लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण, मुख्य वन्यजीव वार्डन, विदेश व्यापार महानिदेशक, पशुपालन विभाग, और पर्यावरण मंत्रालय से आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त की जाती हैं।

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वनतारा: संरक्षण का एक वैश्विक मॉडल

वंतारा सिर्फ एक पशु बचाव केंद्र नहीं, बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा पशु देखभाल केंद्र बनकर एक ऐसा मॉडल प्रस्तुत करता है, जिसे अन्य देश भी अपना सकते हैं। यह दिखाता है कि जब करुणा, विज्ञान, और इच्छाशक्ति एक साथ आते हैं, तो वन्यजीवों के लिए कितनी बड़ी क्रांति लाई जा सकती है।

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निष्कर्ष

vantara jamnagar अनंत अंबानी के सपनों और समर्पण का प्रतीक है। यहाँ न केवल घायल जानवरों को जीवनदान दिया जाता है, बल्कि उनके लिए एक ऐसा वातावरण तैयार किया जाता है जहाँ वे पुनः स्वतंत्र जीवन जी सकें। यह पहल मानवता, विज्ञान और प्रकृति के सामंजस्य का जीता-जागता उदाहरण है। आने वाले वर्षों में वंतारा निस्संदेह वैश्विक पशु संरक्षण के क्षेत्र में नेतृत्व करेगा।