MP Wildlife Rescue Centres का सपना अब हकीकत बनने जा रहा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐलान किया है कि राज्य में वंतारा जैसे वाइल्डलाइफ रेस्क्यू सेंटर, वेटनरी हॉस्पिटल और कोर्स शुरू किए जाएंगे। वन्यजीवों के प्रति सरकार की संवेदनशीलता और संरक्षण की प्रतिबद्धता इस नई योजना से स्पष्ट होती है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश सरकार वन्यजीवों और वन संपदा के संरक्षण के लिए निरंतर प्रतिबद्ध है। मध्यप्रदेश जैवविविधता से समृद्ध है। यहाँ सभी प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं। हमारा प्रयास है कि इन अमूल्य जीवों की सुरक्षा और देखभाल के लिए… pic.twitter.com/23jDfrBCIT
— Chief Minister, MP (@CMMadhyaPradesh) June 11, 2025
वंतारा से प्रेरणा लेकर मध्यप्रदेश में शुरू होगी नई व्यवस्था
11 जून को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने गुजरात के जामनगर में स्थित वंतारा एनिमल वेलफेयर प्रोजेक्ट का दौरा किया। यह प्रोजेक्ट रिलायंस ग्रुप का एक विशेष प्रयास है, जिसे अनंत मुकेश अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है। वंतारा का उद्देश्य संकट में फंसे वन्यजीवों का रेस्क्यू, इलाज और पुनर्वास करना है।
सीएम यादव ने दौरे के दौरान कहा कि मध्यप्रदेश भी जल्द ही इसी मॉडल को अपनाते हुए MP Wildlife Rescue Centres की स्थापना करेगा। फिलहाल मुख्यमंत्री ने दौरा किया है, जल्द ही वन विभाग की एक विशेष टीम भी वंतारा का अध्ययन करने जाएगी।
“यह गौरवशाली युग है”: वंतारा में बोले CM मोहन यादव
जामनगर में वंतारा पहुंचने पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए कहा, “यह भारत का गौरवशाली कालखंड है। पीएम मोदी के कार्यकाल में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हुई हैं, जो लंबे समय से आवश्यक थीं।”
मध्यप्रदेश में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में तेजी
सीएम यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश देश का सबसे बड़ा वन क्षेत्र रखने वाला राज्य है। यहां पर सबसे अधिक टाइगर, लेपर्ड और वल्चर पाए जाते हैं। घड़ियाल और मगरमच्छ जैसे जलीय जीव भी राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में मौजूद हैं। सरकार अब वनों की रक्षा, पारिस्थितिकी संतुलन और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि अब प्रत्येक संभाग स्तर पर MP Wildlife Rescue Centres स्थापित किए जाएंगे, ताकि घायल और बीमार वन्यजीवों का इलाज उनके स्थानीय वातावरण में हो सके।
राजधानी भोपाल के बाहर भी खुलेंगे रेस्क्यू सेंटर
फिलहाल प्रदेश में सिर्फ एक ही वाइल्डलाइफ रेस्क्यू सेंटर राजधानी भोपाल के वन विहार में है। यहाँ राज्यभर से घायल जानवरों को लाकर इलाज किया जाता है। लेकिन वहां के वातावरण में अचानक बदलाव से कई बार जानवरों को मुश्किल होती है। इसी वजह से सरकार अब सभी संभागों में क्षेत्रीय स्तर पर वन्यजीव रेस्क्यू सेंटर शुरू करने जा रही है।
प्रदेश में बढ़ेगी Zoo की संख्या
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि राज्य में प्राणी उद्यानों (Zoo) की संख्या बढ़ाई जाएगी। बजट में दो नए ज़ू की स्थापना को मंजूरी दे दी गई है। उनका कहना था कि गुजरात के जामनगर में देश का सबसे उत्कृष्ट ज़ू और रेस्क्यू सेंटर देखा गया, और उसी से प्रेरणा लेकर यह योजना बनाई जा रही है।
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वन्यजीव संरक्षण के लिए आदान-प्रदान भी होगा
मुख्यमंत्री की यह अध्ययन यात्रा केवल एक दौरा नहीं, बल्कि वन्यजीवों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में उठाया गया बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में भी गुजरात जैसे MP Wildlife Rescue Centres की आवश्यकता है, जहां न केवल जानवरों का इलाज हो सके, बल्कि उनके प्राकृतिक आवास जैसी सुविधाएं भी मिलें।
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MP Wildlife Rescue Centres – मुख्य जानकारी एक नजर में
विषय | विवरण |
---|---|
परियोजना का नाम | MP Wildlife Rescue Centres |
प्रेरणा स्रोत | वंतारा, जामनगर (गुजरात) |
प्रमुख घोषणाएं | संभाग स्तर पर रेस्क्यू सेंटर, वेटनरी कोर्स, हॉस्पिटल |
वर्तमान रेस्क्यू सेंटर | एक (वन विहार, भोपाल) |
प्रस्तावित नए ज़ू | दो नए प्राणी उद्यान बजट में स्वीकृत |
प्रमुख जीवों की उपस्थिति | टाइगर, लेपर्ड, वल्चर, घड़ियाल, मगरमच्छ आदि |
उद्देश्य | वन्यजीवों का इलाज, संरक्षण और पुनर्वास |
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निष्कर्ष
MP Wildlife Rescue Centres की यह योजना न केवल राज्य के वन्यजीवों के लिए राहत की बात है, बल्कि भारत के लिए एक उदाहरण भी बनेगी। वंतारा जैसी योजनाओं से प्रेरणा लेकर मध्यप्रदेश सरकार वन्यजीवों के संरक्षण और पुनर्वास में एक मजबूत नींव रख रही है। इससे न केवल जैव विविधता को बचाया जा सकेगा, बल्कि पर्यटन और जागरूकता को भी बढ़ावा मिलेगा।