Bengal Schools May Start Feeding Stray Dogs to Sensitise Students: जानिए योजना का उद्देश्य और बहस

🗓️ Published on: June 22, 2025 4:43 pm
Bengal Schools May Start Feeding Stray Dogs to Sensitise Students

Bengal schools may start feeding stray dogs to sensitise students – इस कदम के पीछे का उद्देश्य है स्कूली बच्चों में करुणा और पशु कल्याण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना। पश्चिम बंगाल समग्र शिक्षा मिशन (PBSSM) ने एक नई पहल के तहत राज्य भर के स्कूलों को सलाह दी है कि वे छात्रों को जागरूक करने के लिए हर दिन आवारा कुत्तों को भोजन कराएं।

बच्चों को संवेदनशील बनाने की दिशा में एक नई पहल

PBSSM द्वारा शुक्रवार को जारी एक परामर्श में स्कूलों को यह सुझाव दिया गया कि वे दोपहर के समय स्कूल परिसर के बाहर आवारा कुत्तों को एक बार भोजन कराएं। इसके लिए विशेष रूप से मध्याह्न भोजन (MDM) से जुड़ी स्वयं सहायता समूह (SHG) की महिला कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जा सकती है।

इस पहल का मकसद है छात्रों को यह सिखाना कि हमारे आस-पास रहने वाले जानवरों की देखभाल करना भी सामाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा है।

नसबंदी और टीकाकरण पर भी ध्यान

परामर्श में यह भी कहा गया है कि ऐसे कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण की व्यवस्था के लिए स्कूल स्थानीय पशु संसाधन विकास विभाग से समन्वय करें। इससे न केवल छात्रों में करुणा विकसित होगी, बल्कि आवारा पशुओं की आबादी और व्यवहार को भी नियंत्रित किया जा सकेगा।

मानवता की सीख बनाम बुनियादी ज़रूरतें

इस पहल पर प्रतिक्रियाएँ भी सामने आई हैं। माध्यमिक शिक्षक एवं कर्मचारी संघ के नेता अनिमेष हलदर ने कहा कि बच्चों को दयालुता और सहानुभूति जैसे मानवीय मूल्य सिखाना ज़रूरी है, लेकिन इससे पहले सरकार को स्कूलों की आधारभूत समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए।

“सरकार को सबसे पहले मध्याह्न भोजन कर्मियों का मानदेय बढ़ाना चाहिए, स्कूलों की चारदीवारी बनवानी चाहिए, खेल के मैदान और पुस्तकालयों का विकास करना चाहिए। अगर ये ज़रूरी सुविधाएँ नहीं होंगी, तो शिक्षा व्यवस्था ही प्रभावित होगी,” – हलदर ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा।

पहले भी उठाए गए थे सुरक्षा से जुड़े मुद्दे

अप्रैल 2025 में PBSSM ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया था कि बच्चों को आवारा कुत्तों से सुरक्षित रखने के लिए ज़रूरी उपाय किए जाएं। स्कूलों से कहा गया था कि वे सुबह की सभा में छात्रों को जागरूक करें और उन्हें यह सिखाएं कि:

  • कुत्तों के पास जाने से बचें
  • उन पर पत्थर न फेंकें या मारने की कोशिश न करें
  • डरकर भागने या तेज़ हरकत से बचें

इसके अलावा शिक्षकों को निर्देश दिए गए थे कि दोपहर भोजन के समय कुत्तों को स्कूल परिसर में न आने दें। खासकर उनके प्रजनन काल के दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा गया था, क्योंकि इस समय कुत्ते आक्रामक हो सकते हैं।

राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग की सिफारिशों के आधार पर कदम

यह सारा परामर्श स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र के बाद आया है। इसमें कहा गया था कि राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023 के अंतर्गत नगर निकायों की भूमिका को मजबूत करने की सिफारिश की है।

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निष्कर्ष Bengal schools may start feeding stray dogs to sensitise students

Bengal schools may start feeding stray dogs to sensitise students – यह एक सकारात्मक कदम है जो बच्चों में करुणा और जिम्मेदारी की भावना को प्रोत्साहित कर सकता है। हालांकि, इसके साथ-साथ यह ज़रूरी है कि सरकार स्कूलों के बुनियादी ढांचे, सुरक्षा और कर्मचारियों के हितों को भी समान प्राथमिकता दे। तभी यह पहल सफल और संतुलित रूप से आगे बढ़ पाएगी।