कोल्हापुर की 36 वर्षीय महादेवी-माधुरी हाथिनी (Mahadevi-Madhuri Elephant) को महाराष्ट्र से गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा (Vantara) एनिमल रेस्क्यू सेंटर में स्थानांतरित किए जाने के फैसले ने क्षेत्र में भावनाओं का तूफान खड़ा कर दिया है। यह हाथिनी स्थानीय लोगों की धार्मिक और सांस्कृतिक आस्था की प्रतीक मानी जाती है। महादेवी के स्थानांतरण के बाद से ही कोल्हापुर में उसे वापस लाने की मांग तेज हो गई है।
आइए जानते हैं कि महादेवी-माधुरी हाथिनी को वंतारा क्यों भेजा गया, जनता और नेताओं की प्रतिक्रिया क्या है, और क्या वह वाकई में कोल्हापुर वापस लौट पाएगी?
Mahadevi-Madhuri Elephant को वंतारा क्यों भेजा गया?
वंतारा, अंबानी परिवार के अनंत अंबानी का ड्रीम प्रोजेक्ट है, जिसे रिलायंस इंडस्ट्रीज और रिलायंस फाउंडेशन का समर्थन प्राप्त है। यह आधुनिक सुविधाओं से लैस पशु देखभाल केंद्र है, जहां घायल या बीमार वन्यजीवों का संरक्षण किया जाता है।
हालांकि, जब महादेवी-माधुरी हाथिनी को कोल्हापुर के जैन मठ स्वस्तिश्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामी संस्थान से वंतारा लाया गया, तो यह मामला विवादों में आ गया। वंतारा ने अपने बयान में स्पष्ट किया है कि उन्होंने यह कदम बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश और सुप्रीम कोर्ट की पुष्टि के बाद उठाया। वंतारा का कहना है कि उन्होंने केवल कोर्ट के निर्देशों का पालन किया और खुद इस स्थानांतरण के पहलकर्ता नहीं थे।
कोल्हापुर में हाथिनी की वापसी की उठी मांग
— Raju Shetti (@rajushetti) August 2, 2025
कोल्हापुर के नंदनी गांव और आसपास के क्षेत्र के लोग महादेवी-माधुरी हाथिनी की वापसी की मांग को लेकर आंदोलित हो गए हैं। पूर्व सांसद राजू शेट्टी सहित कई स्थानीय नेता और ग्रामीण इस मुद्दे को लेकर आवाज उठा रहे हैं।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री और कोल्हापुर के संरक्षक मंत्री प्रकाश आबिटकर ने भी कहा है कि महादेवी को वापस लाने के प्रयास जारी हैं। हाल ही में कोल्हापुर में वंतारा अधिकारियों के साथ हुई बैठक में अधिकारियों ने सहयोग का आश्वासन दिया कि अगर कोर्ट अनुमति देता है तो वे महादेवी को वापस लाने में कोई आपत्ति नहीं करेंगे।
नांदणी येथील जैन मठातील महादेवी हत्तीण वनतारा येथून परत कोल्हापूर येथे आणण्यासाठी, जिल्ह्याचा पालकमंत्री म्हणून मी कटीबद्ध आहे. लवकरच कायदेशीर प्रक्रिया पूर्ण होईल आणि महादेवी आपल्या घरी परत येईल, असा आम्हाला विश्वास आहे….!#Shivsena #Prakashabitkar #पालकमंत्री… pic.twitter.com/2b7sSxjSpG
— Prakash Abitkar (@abitkar_prakash) August 2, 2025
राजनीतिक स्तर पर भी तेज हुई गतिविधियां
🐘 नांदणीच्या महादेवी हत्तीणीला पुन्हा मठात आणण्यासाठी केंद्रीय वनमंत्री नामदार @byadavbjp जी यांची भेट घेऊन निवेदन दिले. कोल्हापूर जिल्ह्यातील नांदणी येथील श्री जिनसेन भट्टारक पट्टाचार्य महास्वामी मठातील लाडक्या महादेवी हत्तीणीला पुन्हा नांदणीत आणण्यासाठी प्रयत्न करणार आहे. pic.twitter.com/V6jlbs1LMe
— Dhananjay Mahadik (@dbmahadik) July 31, 2025
यह मामला अब राष्ट्रीय स्तर पर पहुंच चुका है। कोल्हापुर के बीजेपी सांसद धनंजय महाडिक और शिवसेना सांसद धैर्यशील माने ने केंद्रीय वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात कर महादेवी की वापसी के लिए ज्ञापन सौंपा है। वे केंद्र सरकार से सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करवाने की मांग कर रहे हैं ताकि हाथिनी की वापसी का रास्ता साफ हो सके।
महादेवी हत्तीणीला परत आणण्याच्या स्वाक्षरी अभियानात आतापर्यंत 2 लाख 4 हजार 421 लोकांनी स्वाक्षरी करून पाठींबा दिला. देशभऱातील लोकांनी दिलेल्या या उत्स्फूर्त प्रतिसादाबद्दल सर्वांचे मन:पूर्वक धन्यवाद!
— Satej (Bunty) D. Patil (@satejp) August 1, 2025
उद्या,शनिवार 2 ऑगस्ट रोजी, सकाळी 9 वा. नांदणी येथील जिनसेन स्वस्तिश्री जैन…
कांग्रेस के एमएलसी सतेज पाटिल ने बताया कि कोल्हापुर के 1.25 लाख से अधिक लोगों ने महादेवी को वापस लाने की मांग को लेकर फॉर्म भरे हैं, जिन्हें राष्ट्रपति कार्यालय को भेजा जाएगा।
वंतारा का आधिकारिक बयान: “हम भावनाओं का सम्मान करते हैं”
विवाद बढ़ता देख वंतारा ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि महादेवी-माधुरी Elephant की धार्मिक और भावनात्मक महत्ता को वे पूरी तरह समझते हैं।
बयान में कहा गया है कि वंतारा ने केवल बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया है। उनका उद्देश्य महादेवी की स्वास्थ्य और दीर्घकालिक देखभाल सुनिश्चित करना था। वंतारा ने यह भी कहा कि वे जैन मठ और स्वामीजी के साथ संवाद स्थापित कर रहे हैं ताकि महादेवी के भविष्य को लेकर एक संवेदनशील और कानूनी समाधान खोजा जा सके।
वंतारा ने यह भरोसा भी दिलाया कि महादेवी की भलाई और लोगों की भावनाओं दोनों का ध्यान रखा जाएगा, और सभी संभावनाओं पर कानूनी व पशु चिकित्सा सलाहकारों के साथ विचार किया जा रहा है।
यह भी पढ़े: Madhuri Elephant: The Sacred Bond and the Battle for Her Wellbeing
क्या महादेवी-माधुरी हाथिनी कोल्हापुर लौटेगी?
फिलहाल, महादेवी-माधुरी Elephant की वापसी पर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। लेकिन जनता, नेताओं और वंतारा के बीच लगातार संवाद जारी है। राजनीतिक नेताओं का मानना है कि यदि कानूनी प्रक्रिया में कोई बाधा न आई तो महादेवी को कोल्हापुर वापस लाया जा सकता है।
यह मामला केवल एक हाथिनी के स्थानांतरण का नहीं है, बल्कि यह भारत में पशु संरक्षण, कानून और सांस्कृतिक आस्थाओं के बीच संतुलन बनाने की एक बड़ी परीक्षा बन गया है। सभी पक्षों का उद्देश्य एक ही है — महादेवी-माधुरी हाथिनी के स्वास्थ्य, सुरक्षा और सम्मान का संरक्षण।
यह भी पढ़े: Vantara’s Grand Welcome For ‘Madhuri’: A New Beginning for a Gentle Giant
Mahadevi-Madhuri Elephant विवाद: महत्वपूर्ण जानकारी (तालिका)
बिंदु | विवरण |
---|---|
हाथिनी का नाम | महादेवी-माधुरी (Mahadevi-Madhuri Elephant) |
उम्र | 36 वर्ष |
मूल स्थान | जैन मठ, नंदनी गांव, कोल्हापुर, महाराष्ट्र |
वर्तमान स्थान | वंतारा, जामनगर, गुजरात |
स्थानांतरण का कारण | बॉम्बे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार |
जनता की प्रतिक्रिया | कोल्हापुर में गहरा धार्मिक व भावनात्मक जुड़ाव |
राजनीतिक प्रयास | सांसद व मंत्री सुप्रीम कोर्ट में हाथिनी की वापसी के लिए प्रयासरत |
वंतारा का स्टैंड | कोर्ट आदेश के तहत स्थानांतरण, समाधान के लिए संवाद जारी |
जन समर्थन | 1.25 लाख से अधिक लोगों ने महादेवी की वापसी के लिए हस्ताक्षर किए |
मौजूदा स्थिति | कानूनी सलाह व चर्चा के जरिए समाधान की दिशा में प्रयास जारी |