Supreme Court Vantara: सुप्रीम कोर्ट ने वनतारा को क्लीनचिट दी, अंतरराष्ट्रीय स्तर की पशु देखभाल की हुई पुष्टि

📝 Last updated on: September 18, 2025 12:58 am
Supreme Court Vantara

Supreme Court Vantara केस को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही थी। देशभर में इस बात को लेकर सवाल उठाए जा रहे थे कि क्या जामनगर स्थित वनतारा (Greens Zoological Rescue and Rehabilitation Centre) में पशुओं की देखभाल सही ढंग से हो रही है या नहीं। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट के आधार पर साफ कर दिया है कि वनतारा के संचालन में किसी भी प्रकार का कानूनी उल्लंघन नहीं पाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान

सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस पंकज मित्तल और जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले शामिल थे, ने कहा कि SIT की विस्तृत जांच में वनतारा के खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों की जांच की गई। इनमें पशु अधिग्रहण, तस्करी, धन शोधन, पशु कल्याण, प्रजनन, जलवायु व स्थान संबंधी मुद्दे और वित्तीय अनियमितताओं तक की पड़ताल की गई।

लेकिन रिपोर्ट में यह पाया गया कि वनतारा ने कहीं भी कानून का उल्लंघन नहीं किया। अदालत ने कहा कि रिपोर्ट में निकाले गए निष्कर्षों को स्वीकार करने में उसे कोई हिचकिचाहट नहीं है।

SIT जांच और उसकी निष्पक्षता

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस जे. चेलमेश्वर की अध्यक्षता में SIT का गठन किया था। टीम ने वनतारा के पूरे संचालन मॉडल, पशुओं की देखभाल, मेडिकल सुविधाओं और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरे उतरने की स्थिति का आकलन किया। जांच के बाद SIT ने साफ कहा कि वनतारा में न केवल भारतीय, बल्कि वैश्विक मानकों के अनुरूप काम हो रहा है।

वनतारा: वैश्विक मानकों वाला पशु संरक्षण केंद्र

SIT की रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया कि वनतारा दुनिया के प्रमुख पशु संरक्षण और रेस्क्यू केंद्रों में से एक है। यहां पशुओं की मृत्यु दर अंतरराष्ट्रीय औसत के अनुरूप है और उनकी देखभाल वैज्ञानिक पद्धतियों के साथ की जाती है।

आज जब पूरी दुनिया में पर्यावरण और वन्यजीव संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ऐसे समय में वनतारा जैसे मॉडल भारत को वैश्विक मंच पर एक सकारात्मक पहचान दे रहे हैं।

ग्लोबल ह्यूमन सर्टिफिकेशन

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी उल्लेख किया कि स्वतंत्र अंतरराष्ट्रीय संस्था Global Humane ने साइट निरीक्षण और ऑडिट के बाद वनतारा को Global Humane Certified Seal of Approval प्रदान किया है। यह सर्टिफिकेट इस बात की पुष्टि करता है कि वनतारा की देखभाल और प्रबंधन पद्धतियां पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय स्तर की हैं।

मुख्य बिंदुसुप्रीम कोर्ट Vantara SIT रिपोर्ट
जांच समितिरिटायर्ड जस्टिस जे. चेलमेश्वर की अध्यक्षता
आरोपपशु तस्करी, धन शोधन, अधिग्रहण, वित्तीय अनियमितता
निष्कर्षकिसी भी आरोप की पुष्टि नहीं हुई
विशेष उपलब्धिGlobal Humane Seal of Approval प्राप्त
प्रबंधन स्तरअंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप पशु कल्याण और देखभाल

अनंत अंबानी की पहल

Supreme Court Vantara रिपोर्ट में अनंत अंबानी के नेतृत्व की भी सराहना की गई। उनके प्रयासों से वनतारा केवल एक पशु संरक्षण केंद्र नहीं, बल्कि सहानुभूति और विज्ञान पर आधारित एक आदर्श मॉडल बन चुका है।

वनतारा में अत्याधुनिक पशु चिकित्सालय मौजूद हैं, जहां हर जानवर की सेहत पर लगातार नजर रखी जाती है। यहां के पशुओं के लिए विशेष आहार योजनाएं बनाई जाती हैं, ताकि उनकी पोषण संबंधी आवश्यकताएं पूरी हो सकें। साथ ही, प्राकृतिक आवास जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराकर उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पूरा ध्यान दिया जाता है।

वैज्ञानिक और पारदर्शी मॉडल

सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि वनतारा का मॉडल पूरी तरह नैतिक और पारदर्शी है। यहां न केवल जानवरों को बचाने और उनका पुनर्वास करने का कार्य किया जा रहा है, बल्कि उनके प्रजनन और दीर्घकालिक संरक्षण पर भी जोर दिया जा रहा है।

इस रिपोर्ट ने साबित किया कि वनतारा केवल एक संरक्षण स्थल नहीं है, बल्कि यह वैज्ञानिक तरीकों से पशु कल्याण का नया मानक पेश कर रहा है।

पशु कल्याण और भारत की छवि

Supreme Court Vantara रिपोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि भारत भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पशु कल्याण के क्षेत्र में मजबूती से कदम बढ़ा रहा है। वनतारा जैसे प्रयास न केवल देश में, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत की सकारात्मक छवि को मजबूत कर रहे हैं।

आज जब जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता की हानि दुनिया के सामने बड़ी चुनौतियां बनकर खड़ी हैं, तब वनतारा जैसी पहलें आशा की किरण साबित हो रही हैं।

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निष्कर्ष

Supreme Court Vantara रिपोर्ट के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि अनंत अंबानी का यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से पारदर्शी, वैज्ञानिक और अंतरराष्ट्रीय मानकों पर आधारित है। SIT की जांच और अदालत के आदेश ने यह साबित कर दिया है कि वनतारा भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए पशु संरक्षण का एक आदर्श मॉडल है।