Vantara Animal Rescue Centre Jamnagar

Vantara Animal Rescue Centre Jamnagar : 20 बंदी हाथी को आजाद करवाने जाएंगे वनतारा की 200 लोगों की स्पेशियल टीम

Vantara Animal Rescue Centre Jamnagar : नमस्ते दोस्तों आज मे आपके किए लाया हु एक ओर वनतारा की जानकारी यह जानकारी पढ़ के आप भी बोलोगे वनतारा प्राणीसंग्रहालय नहीं,प्राणी सेवालाय है।वनतारा एनिमल रेस्क्यू सेंटर अरुणाचल प्रदेश मे लकड़ी उद्योग द्वारा शोषित 20 हाथियों को मुक्त करवाएगा उन 20 हाथियों मे 10,नर हाथी है.8 मादा हाथी है। 1 उप वयस्क,ओर एक बच्चा शामिल है।उन लकड़ी उद्योग द्वारा शोषित 20 हाथियों को वनतारा एनिमल रेस्क्यू सेंटर मे लाने की तैयारी कर रहा है। यह बचाव अभियान त्रिपूरा उच्य न्यायालय द्वारा गठित ओर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सौपी गई उच्चतरिय समिति की मंजूरी से चलाया गया था। 

लकड़ी उद्योग द्वारा 20 हाथियों का हो रहा था शोषण

Vanatara Animal Rescue Centre Jamnagar

भारत के बिजनेस में ओर परोपकारी अनंत अंबानी द्वारा स्थापित वनतारा प्राणीसंग्रहालय बंदी बनाए गए हाथियों ओर अन्य वन्यजीवों के लिए एक सुप्रसिद्ध बचाव केंद्र है। लकड़ी उद्योग द्वारा शोषित उन 20 हाथियों को जल्द ही वनतारा मे अपना स्थाई निवास मिल जाएगा, वनतारा मे एक एस वातावरण जो स्वभामिक रूप से उन हाथियों के प्राकृतिक ओर कुदरती निवास स्थान को दर्शाता है, जहा वह जंजीरो से मुक्त रहेंगे ओर उन्हे कभी भी किसी की गुलामी करने को मजबूर नहीं किया जाएगा। लकड़ी उद्योग द्वारा शोषित हाथियों मे एक एक लक्ष्मी जेसी व्यक्ति शामिल है जो 10 वर्षीय उप वयस्क है,जो गहरे अनुपचारित घावों के कारण अपने पिछले पैरों पर वजन सहन करने के लिए संघर्ष करती है,ओर उनके सवेदनशील दाहिने कान के पिन्ना मे एक ताजा ओर दर्दनाक 1 इंच से ज्यादा का छेद है,दोनो ही पीड़ा मानव द्वारा हाथी को वश मे करने के कारण हुआ है, 

अबोल प्राणी की अरुणाचल मे दयनीय स्थिति

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माया एक 2 वर्षीय बंदी जन्मी बछड़ी,को उसकी मा रोंगमोती के साथ बचाया गया है, जिसने लंबे समय तक लकड़िया काटने के काम से अपनी छाती ओर नितंबों पर बड़े घावों को सहन किया है। ओर एक हाथी रामू को अपने दोनो अगले ओर पिछले पैरों को कस कर एक साथ बांध कर रखा गया था क्यू की उसकी 4-6 महीने की मस्त अवधि को नियंत्रित किया जा सके,जिसके परिणामरूप उसे बहुत अधिक शारीरिक ओर मनोवैज्ञानिक परेशानी हुई। बाबूलाल एक अन्य बैल हाथी,एक जंगली बैल हाथी के साथ संघर्ष के कारण बुरीतरह से पुंछ टूट गई है ओर टूटी हुई पुंछ से खून निकालने की वजह से बहुत पीड़ित था। 

वर्षों की कैद की वजह से अपना बचाव करना भूल चुके हाथी

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कई वर्षों तक कैद मे रहने के कारण उसने अपनी रक्षा ओर बचाव करने की स्वाभाविक प्रवृति खतम हो गई थी।  लकड़ी उद्योग द्वारा शोषित हाथियों की आजीवन देख भाल करने के अलावा,यह परियोजना के तहत वनतारा एनिमल रेस्क्यू सेंटर मे मालिकों,महावतों ओर उनके परिवारों के लिए आजीविका के नये अवसर प्रदान करती है। महावतों ओर इसमे शामिल अन्य लोगों को हाथियों के प्रबंधन के मानवीय ओर वैज्ञानिक रूप से समर्थित तरीकों मे गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा जिससे हाथियों के लिए दयालु देख भाल का भविष्य सुनिषित होगा ओर इस दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए उनके देख भाल करनेवालों को ज्ञान ओर कौशल से सशक्त बनाया जाएगा। 

माया ओर उसका बच्चा एक ही एम्बुलेंस मे करेंगे Vanatara Animal Rescue Centre Jamnagar की यात्रा

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वन्यजीव संगठन ( संरक्षण ) अधिनियम,1972 के तहत सभी आवस्यक दस्तावेज जुटालिए है, जिसमे गुजरात वन विभाग से अनापत्ति प्रमाणपत्र ओर अरुणाचल प्रदेश वन विभाग से परिवहन परमिट भी शामिल है।  लकड़ी उद्योग द्वारा शोषित सभी हाथियों को विशेष रूप से डिजाइन की गई हाथी एम्बुलेंस मे वनतारा एनिमल रेस्क्यू सेंटर ले जाया जाएगा,जिसमे हथनी माया ओर उसका बछड़ा साथ मे ही वंतार की यात्रा करेंगे। 

लकड़ी उद्योग द्वारा शोषित 20 हाथियों को 200 विशेषयज्ञों की स्पेशयल टीम लेने जाएगी

Vanatara Animal Rescue Centre Jamnagar

 लकड़ी उद्योग द्वारा शोषित 20 हाथियों को वनतारा एनिमल रेस्क्यू सेंटर लाने के लिए 200 से ज्यादा विशेषयज्ञों की एक टीम अरुणाचल प्रदेश जाएगी,जिसमे हाथी के पशु चिकित्सक,पैरावेट,वरिष्ठ देखभाल कर्ताओ,ओर वनतारा एनिमल रेस्क्यू सेंटर के एम्बुलेंस ड्राइवर शामिल है। सख्त परिवहन दिशा निर्देशों ओर पशु कल्याण नियमों का पालन करते हुवे सभी हाथियों को सुरक्षित ओर अनुपालन परिवहन को सुनिषित करेंगे। IUCN/SSC ऐसियाई हाथी विशेषयज्ञ समूह की द्रीवार्षिक पत्रिका गजह मे 2020 मे प्रकाशित एक शोध पत्र से पता चलता है की अरुणाचल प्रदेश मे निजी स्वामित्व वाले हाथियों को बड़ी संख्या को कैद मे रखा गया है ओर उन हाथियों का लकड़िया काट ने मे काम करवाते है। इन हाथियों को अक्सर जंगली इलाकों के नजदीक रखा जाता था जहा बंदी गाय हाथी जंगली बैलों के संपर्क मे आते है। 

राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट 20 हाथियों का उज्ज्वल भविष्य है

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अब हाथियों के निजी स्वामित्व मे कमी या रही है,क्यू की लकड़िया काट ने पर प्रतिबंध लग गया है प्रतिबंध के बाद वन संचालन मे उनके उपयोग की मांग कम हो गई है। नामसाई के प्रभागीय वन अधिकारी टबाँग जामोह ने पुष्टि की अरुणाचल प्रदेश मे लगभग 200 बंदी हाथियों की सक्रिय प्रजनन आबादी के साथ उनके स्वस्थ्य ओर कल्याण की बारीकी से निगरानी करने के लिए DNA प्रोफाइलिंग की जा रही है। सर्वोच्चय न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के निर्देशानुसार वनतारा मे राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट को 20 हाथियों का हस्ततरण इन जानवरों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य सुनिषित करता है। यह पहल स्थानीय समुदायों को वैकल्पित आजीविका प्रदान करते हुवे पशु कल्याण को बढ़ाती है,संरक्षण सामूदाईक कल्याण ओर वन संरक्षण के बीच संतुलन बनाती है।  

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FAQ

राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट ?

राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट रिलायंस फाउंडेशन के सहयोग से हाथियों की देखभाल करता है

राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट कहा आया ?

राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट गुजरात के जामनगर मे रिलायंस रिफाइनरी वनतारा मे राधे कृष्ण मंदिर स्थित है,वही मंदिर राधे कृष्ण मंदिर हाथी कल्याण ट्रस्ट चलाते है