What is Radha Krishna Temple Elephant Trust? यह गुजरात के जामनगर में स्थित एक समर्पित पशु कल्याण ट्रस्ट है, जिसे रिलायंस इंडस्ट्रीज़ का समर्थन प्राप्त है। हाल ही में यह ट्रस्ट उस समय चर्चा में आया जब पूर्वोत्तर भारत से हाथियों और अन्य जानवरों को यहाँ स्थानांतरित करने का प्रस्ताव सामने आया।
भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त हाई पावर कमेटी (HPC) ने सिफारिश की है कि पूर्वोत्तर राज्यों से और अधिक हाथियों और जानवरों को Radha Krishna Temple Elephant Trust में स्थानांतरित किया जाए। यह समिति सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति दीपक वर्मा की अध्यक्षता में कार्य कर रही है और इसकी स्थापना त्रिपुरा हाई कोर्ट ने की थी।

सुप्रीम कोर्ट समर्थित समिति ने दी हाथियों के स्थानांतरण की सिफारिश
हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार, जामनगर स्थित इस ट्रस्ट की सुविधाएं, बुनियादी ढांचा और स्थान न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर भी अद्वितीय हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां पर बड़ी संख्या में जानवरों को आराम से रखा जा सकता है और उन्हें देखभाल, उपचार व पुनर्वास की सुविधा मिल सकती है।
इस ट्रस्ट की ओर जानवरों को स्थानांतरित करना एक तार्किक और मानवीय निर्णय होगा, विशेषकर उन जानवरों के लिए जो हिंसा, उपेक्षा या मानव-पशु संघर्ष का शिकार हुए हैं।
राधा कृष्ण टेम्पल एलिफेंट वेलफेयर ट्रस्ट का परिचय
Radha Krishna Temple Elephant Welfare Trust (RKTEWT) गुजरात चैरिटेबल ट्रस्ट एक्ट 1950 के तहत पंजीकृत एक धर्मार्थ संगठन है। इसका मुख्य उद्देश्य ऐसे हाथियों और अन्य जानवरों को आधुनिक और जीवनदायिनी सुविधाएं उपलब्ध कराना है जो घायल, परित्यक्त या पीड़ित हैं।
इस ट्रस्ट में कई हाथी पहले ही आ चुके हैं, जो सर्कसों, मंदिरों या निजी व्यक्तियों से लिए गए हैं, जो अब उनकी देखभाल करने में असमर्थ थे। ट्रस्ट का दृष्टिकोण केवल जानवरों तक सीमित नहीं है, यह महावतों (हाथी पालकों) और उनके परिवारों की भलाई पर भी ध्यान देता है।
हाथियों के स्थानांतरण की कानूनी प्रक्रिया
भारत में एक राज्य से दूसरे राज्य में हाथियों को स्थानांतरित करना पूरी तरह से वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 के अंतर्गत आता है। जिस राज्य से हाथी भेजा जा रहा है, वहां के मुख्य वन्यजीव वार्डन (CWLW) को गुजरात के CWLW से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) प्राप्त करना होता है।
एक बार NOC मिल जाने पर, संबंधित राज्य से हाथी को ट्रस्ट में स्थानांतरित किया जा सकता है। ट्रस्ट स्वयं परमिशन की प्रक्रिया में प्रत्यक्ष भूमिका नहीं निभाता, लेकिन आवश्यक होने पर यात्रा और परिवहन का सहयोग करता है।
ट्रस्ट में वैज्ञानिक और मानवीय देखभाल
Radha Krishna Temple Elephant Trust में जानवरों की देखभाल के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय जैसे संस्थानों ने भी सराहा है।
ट्रस्ट के पास 500 एकड़ से अधिक भूमि है, जिसमें मियावाकी जंगल विकसित किया गया है। इस जंगल में हाथी आराम से घूम सकते हैं और प्राकृतिक वातावरण में चर सकते हैं।
हाथियों के लिए बनाए गए रास्तों में रबर की सतह लगाई गई है ताकि उनके जोड़ों पर असर न पड़े। इसके अलावा, फव्वारे, पंखे, और ठहरने के लिए विशेष आश्रय भी बनाए गए हैं।
आधुनिक चिकित्सा और आयुर्वेदिक उपचार की सुविधा
ट्रस्ट में एक पूर्ण विकसित हाथी अस्पताल है, जिसमें सीटी स्कैन, एंडोस्कोपी, सर्जरी, हाइड्रोलिक क्रेन जैसी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं।
ट्रस्ट की 100 एकड़ भूमि में 10 छोटे तालाब और 9 हाइड्रोथेरेपी पूल हैं। ये पूल विशेष रूप से वृद्ध हाथियों और गठिया जैसी समस्याओं से पीड़ित हाथियों के लिए लाभदायक हैं।
यहां फुल टाइम और पार्ट टाइम पशु चिकित्सकों की एक टीम मौजूद रहती है। इसके साथ ही, हाथियों को आयुर्वेदिक उपचार भी दिया जाता है, जिससे उन्हें पारंपरिक और आधुनिक चिकित्सा का संतुलन मिलता है।
पद्मश्री डॉ. कुशल कोंवर शर्मा, जिन्हें “एलीफेंट मैन ऑफ इंडिया” कहा जाता है, हर महीने इस ट्रस्ट का दौरा करते हैं और विशेषज्ञता प्रदान करते हैं।
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भारत में हाथी कल्याण का आदर्श उदाहरण
Radha Krishna Temple Elephant Trust एक ऐसा मॉडल है जो दीर्घकालीन सोच, वैज्ञानिक व्यवस्था और सहानुभूति के मूल्यों पर आधारित है। यह न केवल जानवरों बल्कि उनके देखभालकर्ताओं के लिए भी स्थायी समाधान प्रदान करता है।
हाथियों के संरक्षण के लिए भारत में जो चुनौतियां हैं, उनके समाधान की दिशा में यह ट्रस्ट एक महत्वपूर्ण कदम है।
निष्कर्ष: What is Radha Krishna Temple Elephant Trust?
अंत में, अगर आप सोच रहे हैं कि What is Radha Krishna Temple Elephant Trust?, तो यह सिर्फ एक आश्रय नहीं बल्कि एक जीवनदायिनी पहल है। यह ट्रस्ट न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पशु कल्याण के क्षेत्र में एक नई मिसाल पेश कर रहा है।