Bohra Hazira Jamnagar : नमस्ते दोस्तों आज मे आप के लिए लेके आया हु मुस्लिम व्हॉरा समुदाय के संत मोटा बाबा के विश्राम स्थल का इतिहास ओर दर्शन पूजा ओर इबादत का टाइम टेबल,तो चलो टाइम ना गवाते हुवे शुरुआत करते है,आर्टिकल पूरा पढे आपको सभी जरूरी जानकारी देने की पूरी किशिश की गई है इस आर्टिकल मे,गुजरात के पशिम मे स्थित जामनगर एक बहुत ही अच्छा ओर सुंदर शांति प्रिय शहर है जो पूरी दुनिया मे मशहूर है,ओर यहा सभी धर्म के लोग रहते है, शहर मे मंदिर मस्जिद ओर गुरुद्वारे है जो सभी लोग सभी धर्म का सम्मान करते है,ओर आप को बताते चले की ऐसा ही एक धर्म स्थल है,जो सम्मान ओर शांति का प्रतीक है,जामनगर रेल्वे स्टेशन से तकरीबन 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत मकबरा है,यह मकबरा गुजरात के जामनगर मे नागेश्वर इलाके मे स्थित है,इस मकबरे को बोहरा हाजिरा के नाम से पहचान मिली है,ओर मजार_ए _बद्री के नाम से भी जाना जाता है, मजार_ए _बद्री मकबरा पूरे गुजरात मे अपनी एक अलग पहचान कायम की है,गुजरात के जामनगर मे पवित्र स्थानों मे से एक यह बोहरा हजीरा भी शामिल है,घूमने के लिए महत्व पूर्ण धार्मिक स्थल है,ओर यहा सभी धर्म के लोग आते है ओर सब की अपनी अपनी मोटा बाबा संत के ऊपर श्रद्धा ओर आस्था है,
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बोहरा हजीरा वेसे तो एक मुस्लिम संत मोटा बावा का विश्राम स्थल माना जाता है,मगर यहा सभी धर्म के लोगो की आस्था है, (मजार_ए _बद्री) बोहरा हजीरा दाऊदी बोहरा समुदाय की यह दरगाह का निर्माण 1540 मे जामनगर के महाराजा,जाम रावल ने करवाया गयाथा,बोहरा हजीरा (मजार_ए _बद्री) यह दरगाह का निर्माण रंगमती ओर नागमती नदीयो के किनारे पर एक शानदार संरचना की गई है,(मजार_ए _बद्री)बोहरा हजीरा यह दरगाह पूरी दुनिया मे सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल है,ओर दुनिया भर के धर्म प्रेमी दाऊदी बोहरा समाज के लोग यहा अपनी ओर से श्रद्धांजलि अर्पित करने आते है,ओर मन्नत मुराद ओर व्रत लेते है, ओर खुद को यह पाके सुकून की अनुभूति महसूस करते है।
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Bohra Hazira Jamnagar : दरगाह की खूबसूरती
सफेद संगमरमर से यह बोहरा हजीरा (मजार_ए _बद्री) बना हुआ है,यह दरगाह वास्तुकला की सारसेनीक शैली से डिजाइन किया गया है,ओर इसमे बहोत बारीकी से नक्काशीया बनाई गई है,ओर सारसेनीक शैली को पूरी तरह इस बोहरा हजीरा (मजार_ए _बद्री) मे उभारा गया है,ओर बोहरा हजीरा (मजार_ए _बद्री) के आस पास का वातावरण बहुत अच्छा है,वेसे तो नजदीक मे बहुत ही चहल पहल ओर यातायात के करीब होते हुवे भी बोहरा हजीरा (मजार_ए _बद्री) मे शांति ओर स्थिरता का माहोल बना रहता है,ओर शांति ओर सुकून भरा अहेसास होता है, बोहरा हजीरा (मजार_ए _बद्री) जिस समय मे निर्माण होने वाला था तब यहा मुस्लिम बहोरा समुदाय का यहा बोर्डिंग स्थान हुआ करता था,जो नाव मे बेठ कर नागमती ओर रंगमती नदी के उस पार जाते थे ओर आते थे,ओर अब दुर्भाग्य वश रंगमती ओर नागमती दोनों नदिया सुख चुकी है,ओर बोहरा हजीरा (मजार_ए _बद्री)के पास अब सूखे नदी के किनारे पर श्रावण के पवित्र दिनों मे हिन्दू मेले बोहरा हजीरा (मजार_ए _बद्री) की मेजबानी करते है।
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दूरी जामनगरसे,
पाँच किलो मीटर, 5 km
स्थान
जामनगर मे,नागेश्वर
परिवहन विकल्प
केब या ऑटो से आसानी से पहुच सकते हो
FAQ
What is Bohra Hajira?
गुजरात के जामनगर मे नागेश्वर इलाके मे स्थित है,इस मकबरे को बोहरा हाजिरा के नाम से पहचान मिली है,ओर मजार_ए _बद्री के नाम से भी जाना जाता है, मजार_ए _बद्री मकबरा पूरे गुजरात मे अपनी एक अलग पहचान कायम की है।
बोहरा हजीरा की जामनगर मे स्थापना कब हुई थी?
बोहरा हजीरा वेसे तो एक मुस्लिम संत मोटा बावा का विश्राम स्थल माना जाता है,मगर यहा सभी धर्म के लोगो की आस्था है, (मजार_ए _बद्री) बोहरा हजीरा दाऊदी बोहरा समुदाय की यह दरगाह का निर्माण 1540 मे जामनगर के महाराजा,जाम रावल ने करवाया गयाथा,बोहरा हजीरा (मजार_ए _बद्री) यह दरगाह का निर्माण रंगमती ओर नागमती नदीयो के किनारे पर एक शानदार संरचना की गई है,(मजार_ए _बद्री)बोहरा हजीरा यह दरगाह पूरी दुनिया मे सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल है।