एक बीमार हाथी ओर उसके बच्चे को वनतारा जामनगर पशु पुनर्वास केंद्र ने दिया नया जीवन
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vantara : नमस्ते दोस्तों आज मे आप के लिए लाया हु एक बीमार हाथी ओर उसके बच्चे को वनतारा जामनगर पशु पुनर्वास केंद्र ने दिया नया जीवन। सम्पूर्ण जानकारी के लिए आर्टिकल पूरा पढे.समय पर चिकित्सक सरवार ओर बचाव अभियान के अंतर्गत वनतारा जामनगर पशु पुनर्वास केंद्र द्वारा त्रिपुरा राज्य के उनाकोटी जिले मे एक बीमार मादा हाथी ओर उसके बच्चे को चिकित्सक सरवार ओर पुनर्वास के लिए वनतारा जामनगर पशु पुनर्वास केंद्र गुजरात से पशु एम्बुलेंस ओर चार वाहन ओर चिकित्सक कर्मचारी की एक टीम समेत वाहनों का एक बड़ा काफिला वनतारा जामनगर गुजरात से त्रिपुरा के उनाकोटी पहुचता है।
बचाव ओर पुनर्वास के प्रयासों को दिखाता वीडियो हुआ वाइरल
Hats off to #AnantAmbani who acted promptly to save life of elephant and sent #Vantara medical team within 24 hours to Tripura.#Jamnagar #animallove pic.twitter.com/nvva96W6wm
— AkashMAmbani (@AkashMAmbani) May 12, 2024
बचाव ओर पुनर्वास के उस विडिओ मे एक महिला दिखाई देती है,जिसे बाद मे गो ग्रीन एंड हेल्प स्ट्रे एनिमल्स संगठन की महासचिव कुंतला सिन्हा के नाम से पहचाना गया,अनंत अंबानी ओर वनतारा जामनगर पशु पुनर्वास केंद्र की डॉक्टरों की टीम को ओर तुरंत कारवाई ओर हाथियों को बचाने के लिए दिल से धन्यवाद देते हुवे दिखाई दे रही है.ओर उन्होंने कहा की हाथी के इलाज मे मदद के लिए उनके संपर्क करने के एक दिन के अंदर वनतारा जामनगर पशु पुनर्वास केंद्र की टीम ओर राधा कृष्ण मंदिर का हाथी बचाव केंद्र ट्रस्ट की टीम ऊनाकोटी पहुच गई।
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vantara ने हथनी ओर बच्चे को त्रिपुरा मे ही तुरंत चिकित्सक सारवार प्रदान की
त्रिपुरा की उस हथनी का नाम प्रतिमा है ओर बच्चे का नाम माणिकलाल है। इन्ही दोनों मा ओर बच्चे को अवस्यक देख भाल पूरी करने के लिए काफिले ने जामनगर से त्रिपुरा की दूरी 3,500 किलोमीटर की यात्रा मात्र 24 घंटे मे पूरी की है।प्रारम्भिक उपचार के बाद हाथियों को आगे की देखभाल के लिए वनतारा जामनगर पशु पुनर्वास केंद्र गुजरात ले जाने से पहले कई दिनों तक त्रिपुरा के कैलाशहर मे रखा गया था। वनतारा जामनगर के एक पशु चिकित्सक ने बताया की प्रतिमा के शरीर पर कई घाव ओर कटने के निशान ओर कई अंगों पर गंभीर घाव ओर जकड़न ओर अंधापन भी पाया गया एवम प्रतिमा दुबली पतली थी ओर माणिकलाल मतलब प्रतिमा का बच्चा भी बहुत कुपोषित पाया गया है। एक जानकारी के अनुसार प्रतिमा ओर उसके बच्चे को बिना स्वामित्व प्रमाण पत्र के अवैध रूप से रखा गया था।जो वन्यजीव संरक्षण कानूनों का उलँघन था।