Sundarban Delta Kahan hai: गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदियों के मिलन से बना विशाल डेल्टा क्षेत्र भारत और बांग्लादेश के बीच फैला हुआ है। इसी डेल्टा में स्थित है सुंदरवन — भारत का सबसे बड़ा और दुनिया का सबसे बड़ा मैंग्रोव जंगल। यह क्षेत्र न केवल जैव विविधता के लिए मशहूर है, बल्कि इसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। ‘सुंदरवन’ नाम की जड़ें ‘सुंदरी’ नामक एक खास मैंग्रोव पेड़ से जुड़ी हैं, जो यहां प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। ‘वन’ यानी जंगल, और इस तरह ‘सुंदरवन’ का अर्थ होता है — सुंदरी पेड़ों का जंगल।
Sundarban Delta Kahan hai | भारत का सबसे विशाल जंगल सुंदरवन
भारत का सबसे बड़ा वन क्षेत्र सुंदरवन, पश्चिम बंगाल में स्थित है। यह घना मैंग्रोव जंगल गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों द्वारा निर्मित विशाल डेल्टा के दक्षिणी सिरे पर फैला हुआ है, जो बंगाल की खाड़ी से सटा हुआ है। सुंदरवन मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल के दो तटीय जिलों — दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना — में फैला है। इस क्षेत्र को पश्चिम बंगाल के अन्य भागों से अलग करने वाली डैम्पियर-होजेस रेखा इसकी भौगोलिक सीमा को चिन्हित करती है।
इसे भी पढ़े: MP में शुरू हुआ देश का पहला “टाइगर ट्रेनिंग सेंटर’ , यहा से ट्रेनिंग लके बाघ बनते हैं जंगल के राजा
सुंदरवन कितना विस्तृत है?
सुंदरवन उस विशाल डेल्टा क्षेत्र का हिस्सा है, जहां गंगा, ब्रह्मपुत्र और मेघना नदियां बंगाल की खाड़ी में मिलने से पहले संगठित होती हैं। करीब 10,000 वर्ग किलोमीटर में फैला यह इलाका दुनिया के सबसे बड़े मैंग्रोव वनों में गिना जाता है। इस डेल्टा का लगभग 60% भाग बांग्लादेश में और शेष 40% भारत के पश्चिम बंगाल राज्य में स्थित है। सुंदरवन का अधिकतर इलाका घने मैंग्रोव पेड़ों, दलदलों, नदियों और ज्वारीय जलमार्गों से आच्छादित है, जो इसे जैव विविधता का समृद्ध गढ़ बनाता है।
यहा राज करता है रॉयल बंगाल टाइगर

सुंदरवन सिर्फ एक जंगल नहीं, बल्कि रॉयल बंगाल टाइगर का असली साम्राज्य है। इसे दुनिया में टाइगर्स के सबसे अनोखे और रहस्यमय घर के तौर पर जाना जाता है। यहां रहने वाले बाघ किसी आम जंगल के शिकारी नहीं हैं — ये शानदार तैराक, चालाक रणनीतिकार और बेहद आक्रामक शिकारी होते हैं। सुंदरवन का बाघ पानी की लहरों, दलदलों और ज्वारीय धाराओं को बिना रुके पार करता है। मैंग्रोव की घनी झाड़ियों और गाद से भरे पानी में इसका रंग और मूवमेंट इस तरह घुल जाते हैं कि यह नजर ही नहीं आता — और अचानक शिकार पर झपट पड़ता है।
इन बाघों का स्वभाव बाकी जगहों के बाघों से कहीं ज्यादा तेज और रक्षात्मक होता है, क्योंकि यहां का हर कोना उनका इलाका होता है — और वो अपने क्षेत्र की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।
इसे भी पढ़े: How Many Wildlife Rescue Centers Are There in India?
सुंदरवन के भीतर क्या है?
सुंदरवन का अंदरूनी संसार एक रहस्यमय और रोमांचक दुनिया की तरह है, जो केवल पेड़ों और पानी से भरा जंगल नहीं, बल्कि जीवन और संघर्ष का अनोखा ताना-बाना है। यहां का पारिस्थितिक तंत्र विविधता से भरपूर है, जहां हर जीव अपनी जगह पर संघर्ष करता है और साथ ही एक दूसरे के साथ संतुलन बनाए रखता है। यह क्षेत्र कई लुप्तप्राय और दुर्लभ प्रजातियों का घर है, जिनमें कुछ जानवर जिन्हें आप शायद अन्य जगहों पर नहीं देख सकते। सुंदरवन में कदम रखते ही आप एक अलग ही जैविक समृद्धि का अनुभव कर सकते हैं।
निष्कर्ष
सुंदरवन, अपनी अद्भुत जैव विविधता और अनमोल प्राकृतिक धरोहर के कारण, न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक अनमोल खजाना है। यहां का अनोखा पारिस्थितिक तंत्र, रॉयल बंगाल टाइगर जैसे खतरनाक शिकारी, और लुप्तप्राय प्रजातियों का घर होना इसे एक खास स्थान देता है। यह जंगल जीवन और संघर्ष का प्रतीक है, जहां हर जीव अपने अस्तित्व के लिए लड़ता है और एक दूसरे के साथ सामंजस्य बनाए रखता है। सुंदरवन न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है, बल्कि यह हमारे पर्यावरण और जैव विविधता की अहमियत को भी दर्शाता है। हमें इसे बचाए रखने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए संरक्षित करने की ज़रूरत है, ताकि यह रहस्यमयी और अद्भुत वन हमेशा अपनी पूरी शांति और खूबसूरती के साथ जीवित रहे।