वंतारा और दिल्ली चिड़ियाघर के बीच होने वाला समझौता: दिल्ली का राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (Delhi National Zoological Park) जल्द ही जामनगर स्थित रिलायंस के ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (Vantara Zoo) के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता (MoU) करने जा रहा है। यह समझौता प्रबंधन स्थानांतरण से जुड़ा नहीं है, बल्कि ज्ञान साझा करने, प्रशिक्षण और विशेष पशु चिकित्सा सहायता पर केंद्रित है।
वंतारा और दिल्ली चिड़ियाघर के बीच होने वाला समझौता ‘नॉलेज-शेयरिंग’ साझेदारी
पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है कि यह समझौता वंतारा (Vantara) यानी ग्रीन्स जूलॉजिकल रेस्क्यू एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर (GZRRC) के साथ एक त्रिपक्षीय समझौता होगा, जिसमें गुजरात सरकार की भी भूमिका होगी। इस साझेदारी का उद्देश्य दिल्ली चिड़ियाघर के कर्मचारियों को उन्नत प्रशिक्षण, बेहतर प्रबंधन प्रणालियों का आदान-प्रदान, और विशाल जानवरों के लिए पशु चिकित्सकीय सहयोग देना है।
कोई प्रबंधन स्थानांतरण नहीं होगा
दिल्ली चिड़ियाघर के अधिकारियों ने साफ़ किया है कि यह केवल एक संसाधनों और विशेषज्ञता के आदान-प्रदान से जुड़ी पहल है। इसमें चिड़ियाघर का नियंत्रण वंतारा को नहीं सौंपा जाएगा। चिड़ियाघर के निदेशक संजीत कुमार ने भी इस बात की पुष्टि की है कि यह समझौता केवल आधुनिकीकरण, प्रशिक्षण, और पशु हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करेगा।
वंतारा टीम ने किया दिल्ली चिड़ियाघर का दौरा
वंतारा से 7 सदस्यीय टीम ने हाल ही में शनिवार और रविवार को दिल्ली चिड़ियाघर का दौरा किया। उन्हें विभिन्न सुविधाओं का निरीक्षण करवाया गया। संजीत कुमार ने बताया कि समझौते का मसौदा तैयार किया जा चुका है और सभी संबंधित पक्षों को भेज दिया गया है, परंतु अभी हस्ताक्षर नहीं हुए हैं।
पहले भी हो चुका है समझौता
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली चिड़ियाघर और वंतारा के बीच सहयोग हुआ हो। 2021 में भी दोनों संस्थानों के बीच एक समझौता हुआ था, जिसका उद्देश्य क्षमता विकास और प्रशिक्षण साझेदारी था। इसके अतिरिक्त, 2024 के अंत में वंतारा की पशु चिकित्सा टीम ने दिल्ली चिड़ियाघर का दौरा कर वहां के एकमात्र अफ्रीकी हाथी “शंकर” की स्वास्थ्य जांच की थी। हालांकि, इस बार का समझौता अधिक व्यापक है और इसमें गुजरात सरकार व पर्यावरण मंत्रालय दोनों शामिल हैं।
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दिल्ली चिड़ियाघर का इतिहास
1959 में स्थापित दिल्ली का राष्ट्रीय प्राणी उद्यान देश के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है। इसे एक मॉडल ज़ू के रूप में विकसित किया गया था ताकि अन्य राज्य स्तरीय चिड़ियाघरों को मार्गदर्शन मिल सके। इसका नियंत्रण हमेशा केंद्र सरकार के पास रहा है। 2019 में यह केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) के अंतर्गत गया, लेकिन बाद में इसे दोबारा पर्यावरण मंत्रालय के अधीन लाया गया।
हाल के वर्षों में दिल्ली चिड़ियाघर कई विवादों में रहा है। 2024 में, अफ्रीकी हाथी शंकर के दुर्व्यवहार के कारण इसकी वर्ल्ड एसोसिएशन ऑफ ज़ूज़ एंड एक्वेरियम्स (WAZA) की सदस्यता रद्द कर दी गई थी। इससे पहले 2023 में भी दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्टाफ की कमी और जानवरों की मौत के मामले में पर्यावरण मंत्रालय को फटकार लगाई थी।
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वंतारा: भारत का सबसे बड़ा निजी चिड़ियाघर
वंतारा, जिसे 2020 में अनंत अंबानी द्वारा स्थापित किया गया था, भारत का सबसे बड़ा निजी चिड़ियाघर है। इसकी शुरुआत घायल और बीमार जानवरों के पुनर्वास केंद्र के रूप में हुई थी, लेकिन अब यह देश के सबसे बड़े वन्यजीव संग्रह का स्थान बन चुका है। वंतारा में वर्तमान में लगभग 10,360 जानवर हैं, जो इसे अन्य चिड़ियाघरों से अलग बनाते हैं।
हालांकि, वंतारा में दुर्लभ और विदेशी जानवरों की उपस्थिति को लेकर वन्यजीव कार्यकर्ताओं द्वारा पारदर्शिता की मांग की जा रही है। इसके बावजूद, वंतारा ने बीते वर्षों में देश के कई चिड़ियाघरों और वन्यजीव संस्थानों की सहायता की है – जैसे मद्रास क्रोकोडाइल बैंक ट्रस्ट, असम चिड़ियाघर, और कुनो नेशनल पार्क (जहां 2024 में चीतों की मृत्यु हुई थी)।
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निष्कर्ष
वंतारा और दिल्ली चिड़ियाघर के बीच यह नया समझौता भारत में वन्यजीव संरक्षण और चिड़ियाघर प्रबंधन के क्षेत्र में एक सकारात्मक कदम है। यह साझेदारी दिल्ली चिड़ियाघर को न केवल आधुनिक तकनीकों और प्रशिक्षण तक पहुँच देगी, बल्कि वंतारा जैसे अत्याधुनिक संस्थान से सीखने और सहयोग करने का अवसर भी प्रदान करेगी।