Gajsevak Sammelan 2025 भारत में हाथियों की देखभाल करने वाले समर्पित महावतों के लिए एक ऐतिहासिक और प्रेरणादायक आयोजन है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा सम्मेलन है, जो पूरी तरह से उन गजसेवकों (हाथी सेवकों) को समर्पित है जिन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा इन विशाल जीवों की सेवा में लगा दिया है।
यह सम्मेलन 25 से 29 जुलाई 2025 के बीच आयोजित किया जाएगा और इसका आयोजन गुजरात के जामनगर स्थित वंतारा परिसर में होगा, जो पहले से ही भारत का सबसे बड़ा पशु देखभाल और पुनर्वास केंद्र बन चुका है।

क्यों है Gajsevak Sammelan 2025 इतना खास?
हाथियों को पालना, उनका ध्यान रखना और उन्हें उचित व्यवहार, पोषण और संवर्धन देना एक अत्यंत चुनौतीपूर्ण कार्य है। यह काम केवल पेशेवर जिम्मेदारी नहीं, बल्कि एक गहरी सेवा भावना का भी प्रतीक है। Gajsevak Sammelan 2025 का उद्देश्य है:
- गजसेवकों के अनुभव और ज्ञान को साझा करने के लिए एक मंच प्रदान करना
- आधुनिक पशु देखभाल विधियों में प्रशिक्षण देना
- हाथियों के पोषण, संवर्धन और नैतिक कल्याण को बढ़ावा देना
- जीवन भर सेवा करने वाले महावतों को सम्मानित करना

आयोजन का स्वरूप
यह पांच दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन पूरी तरह से प्रायोजित होगा, यानी इसमें भाग लेने वाले किसी भी गजसेवक को कोई खर्च नहीं उठाना होगा। प्रतिभागियों को देशभर से आमंत्रित किया जाएगा – मंदिरों, वन शिविरों और निजी संस्थानों से जुड़े महावतों को एक साथ लाया जाएगा, ताकि वे अनुभव साझा कर सकें और हाथियों की बेहतर सेवा के लिए एकजुट हो सकें।
क्या-क्या मिलेगा इस सम्मेलन में?
इस सम्मेलन में भाग लेने वाले गजसेवकों को कई तरह की उपयोगी जानकारी और अनुभव प्रदान किए जाएंगे, जैसे:
1. प्रायोगिक प्रशिक्षण (Hands-On Training):
विशेषज्ञ पशु चिकित्सकों और वन्यजीव विशेषज्ञों की मदद से गजसेवकों को व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा। इसमें हाथियों के स्वभाव को समझना, उनकी भाषा और हावभाव को पढ़ना शामिल होगा।
2. पोषण एवं आहार प्रबंधन:
हर हाथी की पोषण जरूरतें अलग होती हैं। इस सत्र में उन्हें सही आहार, मात्रा, और दैनिक पोषण तकनीकों की जानकारी दी जाएगी।
3. संवर्धन तकनीकें (Enrichment Techniques):
हाथियों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न संवर्धन गतिविधियों की जानकारी दी जाएगी, जैसे कि खेलने के उपकरण, चलने के ट्रेल्स और पर्यावरणीय बदलाव।
4. पशु कल्याण और नैतिकता:
यह सत्र गजसेवकों को यह सिखाएगा कि जानवरों के प्रति करुणा, सम्मान और नैतिक जिम्मेदारी कैसे निभाई जाती है। हाथी केवल सेवा का साधन नहीं, बल्कि परिवार का हिस्सा हैं – इस भावना को मजबूत किया जाएगा।
देश भर से आएंगे गजसेवक
Gajsevak Sammelan 2025 एक ऐसा मंच होगा जहां भारत के अलग-अलग राज्यों से सैकड़ों गजसेवक भाग लेंगे। यह केवल एक प्रशिक्षण शिविर नहीं, बल्कि एक भावनात्मक मिलन भी होगा – जहां वर्षों से हाथियों की सेवा कर रहे महावत एक-दूसरे से मिलेंगे, अनुभव साझा करेंगे और एकजुटता की भावना का अनुभव करेंगे।
वंतारा – एक आदर्श स्थल
यह सम्मेलन जामनगर के प्रसिद्ध वंतारा (Vantara) परिसर में आयोजित किया जाएगा, जो कि रिलायंस फाउंडेशन द्वारा संचालित है। यह स्थल न केवल अपने विशाल क्षेत्र और अत्याधुनिक सुविधाओं के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि पशु कल्याण की दिशा में अपने समर्पण के लिए भी जाना जाता है।
यहां पहले से ही सैकड़ों जानवरों की देखभाल की जाती है, जिनमें हाथी भी शामिल हैं। वंतारा इस सम्मेलन के लिए एक आदर्श स्थान है क्योंकि यहां प्रशिक्षण, रिसर्च, पुनर्वास और पशु सेवा के लिए बेहतरीन माहौल है।
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निष्कर्ष
Gajsevak Sammelan 2025 न केवल एक सम्मेलन है, बल्कि यह उन हजारों गजसेवकों के सम्मान का प्रतीक है जिन्होंने बिना किसी उम्मीद के हाथियों की सेवा की है। यह पहल हाथियों के कल्याण की दिशा में एक मजबूत कदम है और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत – जहां हाथी को देवता तुल्य माना जाता है – को भी मजबूती से दर्शाता है।
इस सम्मेलन के माध्यम से न केवल महावतों को आधुनिक तकनीकी ज्ञान और सम्मान मिलेगा, बल्कि हाथियों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा। यह कार्यक्रम एक नए युग की शुरुआत है – जहां सेवा करने वालों की भी सेवा की जाएगी।