Guwahati Veterinary College: गीता का उपचार,डॉ. के.के. सरमा और टीम का अद्वितीय पशु चिकित्सा योगदान

📝 Last updated on: May 8, 2025 2:01 pm
Guwahati Veterinary College

पद्म श्री डॉ. के.के. सरमा: पशु चिकित्सा क्षेत्र के प्रेरणास्रोत

Guwahati Veterinary College: भारत के प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार विजेता डॉ. के.के. सरमा गुवाहाटी पशु चिकित्सा महाविद्यालय में सर्जरी और रेडियोलॉजी विभाग के प्रमुख हैं। उनका अनुभव और समर्पण पशु चिकित्सा क्षेत्र में उल्लेखनीय है। गीता के उपचार में उनका नेतृत्व विशेष रूप से सराहनीय है, जिसमें राज्य के अन्य पशु चिकित्सा विशेषज्ञों और वन विभाग के अधिकारियों का अटूट सहयोग शामिल है।

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इनकी संयुक्त टीम ने दिखा दिया है कि समर्पण और आधुनिक चिकित्सा तकनीक मिलकर वन्यजीवों को नई जिंदगी दे सकते हैं।

गीता कौन है और उसका उपचार क्यों महत्वपूर्ण है?

गीता, एक घायल हाथी है जिसे हाल ही में गंभीर चोटों के साथ बचाया गया। उसका उपचार आज देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। गीता की हालत नाजुक थी, लेकिन डॉ. के.के. सरमा और उनकी टीम की विशेषज्ञता ने उसे जीवनदान दिया।

वन्यजीव संरक्षण में गीता का उपचार एक उदाहरण है कि किस तरह वैज्ञानिक चिकित्सा और समर्पण मिलकर चमत्कार कर सकते हैं।

गीता को मिल रही व्यापक पशु चिकित्सा देखभाल

गीता के इलाज के दौरान हर कदम पर पशु चिकित्सा विशेषज्ञों की देखरेख में अत्याधुनिक उपाय अपनाए जा रहे हैं:

  • घावों की रोजाना सफाई और पट्टियाँ बदलना ताकि संक्रमण से बचाव हो सके।
  • उसकी सेहत पर 24×7 निगरानी रखना, जिससे किसी भी जटिलता का समय रहते उपचार किया जा सके।
  • हाइड्रा क्रेन तकनीक के जरिए गीता की शारीरिक मुद्रा को समायोजित किया जाता है ताकि उसकी हड्डियों और मांसपेशियों पर दबाव कम रहे और उसे आराम मिले।

हाइड्रा क्रेन तकनीक: वन्यजीव देखभाल में नई उम्मीद

गीता के उपचार में हाइड्रा क्रेन तकनीक का उपयोग एक बड़ा कदम है। यह तकनीक विशेष रूप से बड़े जानवरों, जैसे हाथियों और गैंडों, की चिकित्सीय देखभाल में मदद करती है। इसकी सहायता से गीता को आरामदायक स्थिति में रखा जा रहा है, जिससे उसकी रिकवरी प्रक्रिया तेज और कम तकलीफदेह हो रही है।

यह तकनीक अब भारत में वन्यजीव देखभाल के क्षेत्र में नया मानक बन रही है।

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समर्पित उपचार योजना और टीम वर्क का परिणाम

गीता के इलाज के लिए बनाई गई योजना पूरी तरह वैज्ञानिक और व्यवस्थित है। इसमें उच्चतम मानकों का पालन किया जा रहा है, ताकि न केवल उसके घाव भरें बल्कि वह लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जी सके।

डॉ. के.के. सरमा, उनकी टीम और वन विभाग का यह सामूहिक प्रयास यह साबित करता है कि जब विज्ञान और सेवा-भाव एक साथ आते हैं, तो असंभव भी संभव हो जाता है।

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निष्कर्ष: गीता की कहानी प्रेरणा है वन्यजीव संरक्षण के लिए

Guwahati Veterinary College: गीता का उपचार न सिर्फ एक पशु चिकित्सा सफलता है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी का प्रतीक भी है। डॉ. के.के. सरमा और उनकी टीम की मेहनत आने वाले समय में वन्यजीव देखभाल के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगी।