Vantara: उदयपुर में बीमार हाथी ‘रामू’ की देखभाल के लिए आगे आए वनतारा के वन्यजीव विशेषयज्ञ वन विभाग ने किए विशेष प्रबंध

📝 Last updated on: May 15, 2025 12:43 am
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Vantara: उदयपुर, मध्य क्षेत्र, रेती स्टैंड के पास स्थित आवरी माता मंदिर परिसर में बीमार हाथी ‘रामू’ के उपचार और देखभाल के लिए वन विभाग ने कई प्रभावी कदम उठाए हैं।

वरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में हो रहा उपचार

उप वन संरक्षक (वन्यजीव) सुनील कुमार सिंह ने जानकारी दी कि यह पूरा उपचार कार्य प्रधान मुख्य वन संरक्षक एस.आर. यादव के मार्गदर्शन में चल रहा है। रामू की स्थिति को ध्यान में रखते हुए पशुपालन और वन विभाग मिलकर संयुक्त प्रयास कर रहे हैं।

विशेष चिकित्सा समिति गठित

पशुपालन विभाग के उप निदेशक डॉ. सुरेश जैन के निर्देशन में एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। इस टीम में डॉ. शैलेंद्र शुक्ला, डॉ. महेंद्र मेहता और डॉ. कर्मेंद्र प्रताप शामिल हैं, जो हाथी की सेहत पर लगातार नज़र बनाए हुए हैं और आवश्यक चिकित्सकीय सहायता प्रदान कर रहे हैं।

Vantara वन्यजीव विशेषज्ञों का सहयोग

हाथी के उपचार में वाइल्डलाइफ एसओएस (मथुरा) और वनतारा (जामनगर) जैसे संस्थानों के विशेषज्ञ पशुचिकित्सक भी शामिल हैं। डॉ. गोविंद और डॉ. प्रमोद जैसे अनुभवी चिकित्सक पूरे उपचार कार्य का नेतृत्व कर रहे हैं।

रामू को नहीं किया जा सकता स्थानांतरित

डिप्टी सीएफ सुनील कुमार सिंह ने बताया कि हाथी रामू इस समय बिस्तर पर ही है और उसकी हालत ऐसी नहीं है कि उसे किसी अन्य स्थान पर ले जाया जा सके। इस विषय में पशुपालन विभाग के सेवानिवृत्त अतिरिक्त निदेशक डॉ. शरद अरोड़ा से भी परामर्श लिया गया, जिन्होंने भी यही सलाह दी कि फिलहाल हाथी को यहीं पर उपचार देना उचित होगा।

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उपचार के लिए अत्याधुनिक तकनीक का उपयोग

रामू के उपचार में 80 एमए मशीन द्वारा एक्स-रे किया गया है और ज़रूरत के अनुसार लेजर थेरेपी दी जा रही है। हाथी के घावों पर पट्टियाँ लगाई गई हैं और उसकी सुविधा के लिए विशेष इंतज़ाम किए गए हैं।

आरामदायक वातावरण के लिए विशेष व्यवस्था

रामू के लिए एक बड़ा टेंट लगाया गया है ताकि वह छाया में रह सके। साथ ही, कूलर, रेत और गद्देदार बैग जैसी सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई हैं ताकि उसे आराम मिल सके। लगातार निगरानी के लिए वन विभाग के कर्मचारी 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात हैं।

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निष्कर्ष

वन विभाग और पशुचिकित्सा विशेषज्ञों के सहयोग से रामू की देखभाल अत्यंत संवेदनशीलता और समर्पण के साथ की जा रही है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही हाथी की सेहत में सुधार होगा।