उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले में एक बहुत ही अहम और दूरगामी सोच के तहत Wildlife Rescue Centers की दिशा में एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। योगी सरकार द्वारा शुरू की गई यह परियोजना न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह ग्रामीणों और हिंसक वन्यजीवों के बीच बढ़ते टकराव को भी प्रभावी रूप से नियंत्रित करने में मदद करेगी।
क्यों जरूरी हैं Wildlife Rescue Centers?
बीते वर्षों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों जैसे मेरठ, पीलीभीत, महराजगंज और चित्रकूट में मानव-वन्यजीव संघर्ष तेजी से बढ़ा है। जंगलों का लगातार सिमटना, इंसानी बस्तियों का विस्तार और वन्यजीवों का भटकाव — इन सबने ग्रामीणों की ज़िंदगी में डर और खतरे को बढ़ा दिया है। खासकर बाघ, तेंदुआ और सियार जैसे हिंसक जानवरों के हमलों की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं।
ऐसे में Wildlife Rescue Centers जैसे अत्याधुनिक और समर्पित संरचनाएं इस समस्या का व्यावहारिक और मानवीय समाधान पेश करती हैं। यह न केवल ग्रामीणों को सुरक्षा देने का काम करेगा, बल्कि वन्यजीवों को भी बचाने, उनका इलाज करने और उन्हें सुरक्षित वातावरण में पुनर्वासित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा।
चित्रकूट का रेस्क्यू सेंटर: बुंदेलखंड को मिल रही अनमोल सौगात
चित्रकूट जिले के रानीपुर वन्यजीव अभ्यारण्य के बहिलपुरवा क्षेत्र में बन रहा यह रेस्क्यू सेंटर बुंदेलखंड के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह केंद्र न केवल तकनीकी दृष्टि से अत्याधुनिक होगा, बल्कि इसका उद्देश्य भी पूर्ण रूप से संतुलित है — “मनुष्य और वन्यजीव, दोनों की सुरक्षा।”
इस परियोजना पर कुल ₹57 करोड़ 20 लाख रुपये की लागत आएगी। इसका निर्माण कार्य कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन सर्विसेज़ (C&DS) द्वारा किया जा रहा है, और उम्मीद है कि आगामी महीनों में इसे पूरा कर संचालन शुरू कर दिया जाएगा।
Wildlife Rescue Centers की मुख्य विशेषताएं
इस सेंटर में आधुनिकतम सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी जो न केवल वन्यजीवों के इलाज और निगरानी के लिए उपयोगी होंगी, बल्कि इनके पुनर्वास के लिए भी पूर्ण व्यवस्था करेंगी:
- बड़े और सुरक्षित बाड़े: रेस्क्यू किए गए हिंसक जानवरों के लिए मजबूत और सुरक्षित बाड़ों की व्यवस्था होगी, ताकि वे बिना किसी तनाव के रह सकें।
- चिकित्सा सुविधाएं: घायल या बीमार वन्यजीवों के इलाज के लिए एक पूर्ण मेडिकल यूनिट बनाई जाएगी।
- संक्रमण नियंत्रण क्षेत्र: संक्रमण की आशंका को ध्यान में रखते हुए एक अलग क्वारंटीन ज़ोन भी बनाया जाएगा।
- निगरानी टावर: पूरे सेंटर की निगरानी के लिए ऊंचे वॉच टावर लगाए जाएंगे, जिससे किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई हो सके।
- प्रशिक्षित टीम: वनकर्मियों और रेस्क्यू टीम को विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे किसी भी संकट की घड़ी में कुशलता से प्रतिक्रिया कर सकें।
SDRF की भूमिका: आपदा के समय तेज़ एक्शन
रेस्क्यू सेंटर को सुचारू रूप से चलाने के लिए आवश्यक मानव संसाधन और तकनीकी उपकरण राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की मदद से उपलब्ध कराए जाएंगे। SDRF की मदद से किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई संभव होगी — चाहे वो कोई घायल बाघ हो या अचानक किसी गांव में आ गया तेंदुआ।
पर्यावरण, समाज और सुरक्षा के लिहाज़ से मील का पत्थर
DFO प्रत्यूष कुमार कटियार के अनुसार, Wildlife Rescue Centers न केवल वन्यजीवों के लिए एक संरक्षित शरणस्थली साबित होंगे, बल्कि वे वन क्षेत्र के आसपास रहने वाले हजारों ग्रामीणों के लिए भी एक सुरक्षा कवच बनकर उभरेंगे।
बुंदेलखंड जैसे वन-प्रधान क्षेत्र में इस तरह की पहल:
- जैव विविधता को संरक्षित रखने में सहायक होगी
- स्थानीय लोगों में जागरूकता और सुरक्षा का भाव पैदा करेगी
- इको-टूरिज्म और रिसर्च के नए अवसर उत्पन्न करेगी
- और सबसे ज़रूरी, मानव-वन्यजीव संघर्ष में संतुलन बनाए रखेगी
यह भी पढ़े: जामनगर टाउन हॉल के पास ट्रैफिक आइलैंड को मिलेगा नया स्वरूप: “theme of Vantara” पर होगा पुनर्विकास
भविष्य की राह: और भी Wildlife Rescue Centers की ज़रूरत
आज के समय में जब जंगलों की सीमाएं सिकुड़ रही हैं और मानव आबादी लगातार फैल रही है, ऐसे में Wildlife Rescue Centers की उपयोगिता कई गुना बढ़ जाती है। केवल चित्रकूट ही नहीं, उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी इस तरह के सेंटर खुलना जरूरी है ताकि वन्यजीवों के साथ-साथ ग्रामीण आबादी भी सुरक्षित रह सके।
यह भी पढ़े: Gajsevak Sammelan 2025: हाथियों के रखवालों को समर्पित एक राष्ट्रीय पहल
निष्कर्ष
चित्रकूट में बन रहा यह अत्याधुनिक रेस्क्यू सेंटर सिर्फ एक निर्माण परियोजना नहीं है, बल्कि यह भविष्य की पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक सुरक्षा की बुनियाद है। Wildlife Rescue Centers जैसे केंद्र, जहां विज्ञान, संवेदना और सुरक्षा मिलकर काम करते हैं, न केवल जानवरों के लिए एक सुरक्षित दुनिया बनाते हैं, बल्कि इंसानों को भी शांति और सुरक्षा प्रदान करते हैं।